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Vande Bharat Express : राजधानी-शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों की जगह लेगी वंदे भारत ,सरकार ने किया ऐलान

 

Agro Haryana, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को एक साथ नौ वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Express) के हरी झंडी दिखाई। इसके साथ ही देश में वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है। दिसंबर तक नौ और वंदे भारत एक्सप्रेस पटरियों पर दौड़ने लगेंगी। इसके साथ ही वंदे भारत की कुल संख्या 43 हो जाएगी।

केरल के कासरगौड़-त्रिवेंद्रम के बीच शुरू हुई वंदे भारत की तरह और भी केसरिया रंग वाली वंदे भारत लाई जाएंगी। रविवार को शुरू हुई सभी ट्रेन आठ कोच की थी। भविष्य में भी ज्यादा से ज्यादा इसी तरह की ट्रेनों को चलाया जा सकता है।

रेलवे सूत्रों का कहना है कि मौजूदा समय में वंदे भारत एक्सप्रेस के बेड़े में 34 ट्रेन हो गई हैं। उनकी संख्या अब लगातार बढ़ती जाएगी। आने वाले कुछ वर्षों में इसकी संख्या 350 तक करने की योजना है।

एक अधिकारी ने बताया कि 16 कोच की वंदे भारत ट्रेन से कहीं अधिक कामयाबी आठ कोच की वंदे भारत को मिल रही है। भविष्य में कोशिश यही है कि अधिक से अधिक आठ कोच की ही वंदे भारत चलाई जाए। दिल्ली से और भी कई रूटों पर जल्द ही वंदे भारत दौड़ती नजर आएगी।

हटाई जाएंगी शताब्दी-राजधानी :

अधिकारी ने बताया कि आने वाले समय में कोशिश है कि वंदे भारत शताब्दी और राजधानी ट्रेन की जगह लेना शुरू करे। हालांकि, इस पर कोई आधिकारिक फैसला नहीं हुआ है। शताब्दी की तरह वंदे भारत चेयरकार चल ही रही है। वंदे भारत स्लीपर क्लास के प्रोटोटाइप पर काम चल है। इसके अगले साल जनवरी तक आने की उम्मीद है।

वंदे भारत स्लीपर एक तरह से देश की प्रीमियम राजधानी ट्रेन की जगह लेना शुरू कर सकती है। इसका मतलब यह नहीं है कि वंदे भारत आने के बाद ट्रैक से शताब्दी और राजधानी को पूरी तरह से हटा लिया जाएगा। यह सब चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। ट्रेनों की लाइफ के हिसाब से उन्हें रिप्लेस किया जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि अभी वंदे भारत स्लीपर का नाम क्या रखा जाए, इस पर विचार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि वे दिन दूर नहीं जब वंदे भारत देश के हर हिस्से को कनेक्ट करेगी। प्रधानमंत्री की इस बात से साफ है कि आने वाले समय में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के बेड़े में जबर्दस्त इजाफा होने वाला है।

इसके अलावा, रेलवे लगातार ट्रेनों को दुर्घटनाओं से बचाने के लिए ‘कवच’ प्रोग्राम पर काम कर रहा है। नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे का कहना है कि वह अपने जोन में 1600 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर कवच प्रोग्राम पर काम कर रहा है। 426 करोड़ रुपये का यह प्रोजेक्ट है। इसके तहत ट्रेनों के आपस में टकराने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा।

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