Delhi NCR के 29 km लंबे इस एक्सप्रेसवे को खोलने से पहले हो रहा ऑडिट, ग्लोबल सिटी से हो गई है कनेक्टिविटी
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) इन दिनों एक्सप्रेसवे को शुरू करने से पहले सभी सुरक्षा मानकों को परख रहा है। इसमें क्रश बैरियर, सीसीटीवी कैमरे और अन्य प्रणालियां शामिल हैं।
Agro Haryana, New Delhi द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा वाले हिस्से को यातायात के लिए खोलने से पहले उसका सुरक्षा ऑडिट किया जा रहा है, जिससे फर्राटा भर रहे वाहनों का सफर इस पर पूरी तरह सुरक्षित हो सके। एक्सप्रेसवे के इस हिस्से को अक्तूबर के अंत तक यातायात के लिए पूरी तरह शुरू कर दिए जाने की तैयारी चल रही है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) इन दिनों एक्सप्रेसवे को शुरू करने से पहले सभी सुरक्षा मानकों को परख रहा है। इसमें क्रश बैरियर, सीसीटीवी कैमरे और अन्य प्रणालियां शामिल हैं।
करीब 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से बना यह एक्सप्रेसवे 29.6 किलोमीटर लंबाई का देश का पहला एलिवेटेड 8-लेन एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे है। हरियाणा वाले हिस्से में 18.9 किलोमीटर सिंगल पिलर पर निर्माण हुआ है।
दिल्ली में 10.1 किलोमीटर लंबे सिंगल पिलर पर 34 मीटर चौड़ा एक्सप्रेस-वे बनाया गया है। इस एक्सप्रेसवे का सड़क नेटवर्क चार स्तरों का है। इसमें टनल, अंडरपास, ग्रेड रोड, एलिवेटेड रोड और फ्लाई ओवर का निर्माण शामिल है। दोनों ओर थ्री लेन सर्विस रोड भी बनाई है।
कुछ हिस्सा गुरुग्राम में कुछ दिल्ली में है-
द्वारका एक्सप्रेस-वे दिल्ली क्षेत्र में महिपालपुर के शिव मूर्ति से बिजवासन तक (5.9 किमी), बिजवासन आरओबी से गुरुग्राम में दिल्ली-हरियाणा सीमा तक (4.2 किमी), हरियाणा क्षेत्र में दिल्ली-हरियाणा सीमा से बसई आरओबी तक (10.2 किमी) और बसई आरओबी से खेड़की दौला (क्लोवरलीफ इंटरचेंज ) तक (8.7 किमी) लंबाई में बनाया गया है।
ग्लोबल सिटी से हो गई है कनेक्टिविटी-
हरियाणा में यह एक्सप्रेसवे पटौदी रोड (एसएच-26) में हरसरू के पास और फर्रुखनगर (एसएच-15 ए) में बसई के पास मिल रहा है। इसके अलावा यह दिल्ली-रेवाड़ी रेललाइन को गुरुग्राम के सेक्टर-88 (बी) के पास और भरथल में भी क्राॅस कर रहा है।
एक्सप्रेस-वे गुरुग्राम जिले में प्रस्तावित ग्लोबल सिटी के साथ-साथ सेक्टर - 88, 83, 84, 99, 113 को द्वारका सेक्टर-21 को भी जोड़ रहा है।
सड़क निर्माण होने के बाद सबसे अहम मुद्दा सुरक्षा का होता है। आजकल उन्हीं सुरक्षा मानकों को परखने का काम चल रहा है। इसमें कई तरह के परीक्षण शामिल हैं। संभावना है कि अक्तूबर के अंत तक हरियाणा वाले हिस्से को यातायात के लिए शुरू कर दें।