Supreme Court Decision: सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा चलाना अब नहीं होगा आसान, आ गया फैसला
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सुप्रीम कोर्ट ने जिलाधिकारी व एसएसपी को पत्र भेजकर निर्देश जारी किये है। एसएसपी अखिलेश चौरसिया ने कहा कि फैसले की प्रति मिलते ही अमल कराया जायेगा।
कर्नाटक के पुलिस कर्मचारी डीटी बैस ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (एसएनवी) दायर की थी। धारा 324, 341, 114, 149, 504, 509 के तहत न्याय माँगा था।
जस्टिस अनिल आर. दबे और जस्टिस कुरियर जोसेफ की डिवीजन ने महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट रूप से कहा कि ज्यादातर मामलों में व्यक्ति विशेष अपनी निजी रंजिश से सरकारी कर्मचारियों पर दवाब के लिए जिला अदालतों में 156/3 के तहत एफआइआर के आदेश करवाकर मु़कदमा करवा देते हैं।
मजबूरी में करते है समझौता
सुप्रीम ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि मु़कदमा दर्ज होने के बाद सरकारी कर्मचारी दवाब महसूस करते हैं और न चाहते हुये भी मजबूरी में समझौता कर लेते हैं। सुप्रीम कोर्ट में फैसले में कहा गया कि निचली अदालत में कोई सरकारी कर्मचारी के खिलाफ मु़कदमा दर्ज करवाने के लिए याचिका करता है.
पुलिस अधिकारियों को मिलेगी बड़ी राहत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अभियोज को जिम्मेदारी अपनानी होगी, उन्हें दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत सम्बन्धित कर्मचारी पर मु़कदमा चलाने की अनुमति शासन से लेनी होगी। सुप्रीम कोर्ट से फैसले की प्रति जिलाधिकारी व एसएसपी को भेज दी गयीं हैं। गौरतलब है कि इस फैसले से पुलिस कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी।