RTO ने जारी कर दी BH नंबर की सीरीज, केवल इन लोगों को मिलेगी ये नंबर प्लेट, जानें क्या है इसमें खास

Agro Haryana, New Delhi स्टेट चेंज होने पर लोगों के सामने यह सबसे बड़ी समस्या आती थी. लेकिन पिछले साल भारत सरकार ने इस समस्या का हल निकाल दिया.
अब ऐसे व्यक्तियों को बीएच सीरीज के नंबर प्लेट और रजिस्ट्रेशन की शुरुआत की गई है. जिस से राज्य बदलवाने पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं बदलना होगा.
अलवर डीटीओ ललित गुप्ता ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ऐसे व्यक्तियों के लिए समस्या का हल निकाला है. जो एक राज्य से दूसरे राज्य में नौकरी के लिए जाते है.
कामकाज की वजह से अक्सर लोगों को एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होना पड़ता है. ऐसे में कई बार राज्य में पहुंचने पर अपनी गाड़ी का नए सिरे से रजिस्ट्रेशन करवाना परेशानी का काम बन जाता है.
सेंट्रल गवर्नमेंट के इस आदेश के बाद अब लोगों को इस झंझट से राहत मिल गई है. ऐसे लोगों को बीएच सीरीज प्रोवाइड करवाई जा रही है. जिनका टैक्स 2 साल में एक बार लिया जाता है और वह व्यक्ति किसी भी राज्य में अपनी गाड़ी को बिना परेशानी के ले जा सकते हैं. डीटीओ ललित गुप्ता ने बताया कि अलवर में बीएच सीरीज के करीब 150 वाहन रजिस्टर्ड हो चुके हैं.
बीएच सीरीज के नंबर लेने की प्रक्रिया
ललित गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार के एंप्लॉय जिनकी पूरे देश में ऑफिस हैं और ऐसे ऑथराइज्ड प्राइवेट सेक्टर के व्यक्ति, जिनकी कंपनी चार अलग-अलग राज्यों में स्थापित हो या उससे ज्यादा राज्यों में हो.
ऐसे व्यक्तियों को भारत सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त बीएच सीरीज दी जाती है. ललित गुप्ता ने बताया कि सेंट्रल गवर्नमेंट का एम्पलाई जिस राज्य में नौकरी कर रहा है.
उस राज्य का सर्विस सर्टिफिकेट और आईडेंटिटी कार्ड जिससे उसकी पहचान हो सके वह परिवहन विभाग में सबमिट कराना होगा. उसके बाद परिवहन विभाग द्वारा इसकी जांच की जाएगी. सत्यापन में सभी डॉक्यूमेंट सही पाए जाने पर उस व्यक्ति को बी एच सीरीज के नंबर अलाट किए जाते हैं.
प्राइवेट कंपनी के व्यक्ति को नियोक्ता द्वारा जारी किया गया फॉर्म नंबर 60 परिवहन विभाग में सबमिट कराने पर उसके बाद जांच की जाएगी. जांच में सभी डॉक्यूमेंट सही पाए जाने पर व्यक्ति को बीएच सीरीज के नंबर अलाट किए जाते हैं.
जिसके बाद दूसरे राज्यों में जाकर रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत नहीं पड़ती. बीएच सीरीज में हर 2 साल में एक बार टैक्स लगेगा. इसके पीछे सरकार की यह मंशा है कि गवर्नमेंट आदमी अलग-अलग राज्यों में जाकर इस परेशानी से बचें.