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Rice Identification : इस तरीके करें नकली चावल की पहचान, खरीदते समय नहीं खाएगें धोखा

हमारे घरों में चावल को प्रयोग करके अलग-अलग प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं जैसे खीर, पुलाव आदि. लेकिन आज के समय में मार्केट में बासमती चावलों की जगह प्लास्टिक के चावल भी बेचे जा रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी असली चावल की पहचान करने के तरीके को जानना चाहते हैं तो नीचे की खबर को अंत तक जरुर पढ़ें...

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Rice Identification : इस तरीके करें नकली चावल की पहचान, खरीदते समय नहीं खाएगें धोखा

Agro Haryana, New Delhi : दुनिया में तकनीक जितनी तेजी से बढ़ रही हैं. उतना ही तेजी से उनका गलत इस्तेमाल भी किया जा रहा है. देश-दुनिया में भारतीय बासमती चावल (Basmati Rice) की खपत बढ़ती जा रही है और इस खपत को पूरा करने के लिये कई लोग प्लास्टिक का नकली चावल (Plastic Rice)  बेच रहे हैं. 

हाथ में लेकर देखने पर ये बिल्कुल बासमती जैसा असली चावल लगता है. रंग भी वही, खुशबू और स्वाद में भी लगभग एक जैसा, लेकिन इसके सेवन से शरीर में कई बीमारियां पैदा हो रही है. आज ये ही प्लास्टिक का चावल मिलावट करके बेचा जा रहा है, जो चिंता का विषय है. इस धोखाधड़ी से बचने के लिये चावल की जांच (Identification of Rice) करने की सलाह दी जाती है. 

बता दें कि हाथ में चावल के कुछ दानों को लेकर आप नहीं जान सकते कि चावल असली है या नकली (Real And fake Rice). इसके लिये बासमती चावल और प्लास्टिक के चावल की जानकारी होनी चाहिये. घर पर भी कुछ साधारण जांच करके इसका पता लगा सकते हैं.

क्या है बासतमी चावल

बासमती चावल (Basmati Rice Identification) को खुशबूदार चावल भी कहते हैं, जो भारत, पाकिस्तान और नेपाल में उगाया जाता है. यह चावल महीन खुशबू के साथ पारदर्शी और चमकदार होता है. इसे पकाने के बाद चावल की लंबाई दोगुना हो जाती है. ये चावल पकने के बाद भी चिपकता नहीं है, बल्कि हल्का फूल जाता है. यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है.   

प्लास्टिक का चावल

दुनियाभर में चावल की डिमांड (demand for rice) को पूरा करने के लिये अब मशीनों में प्लास्टिक का चावल (Plastic Rice Identification) बनाया जा रहा है. ये चावल आलू, शलजम, प्लास्टिक और राल से बनाया जाता है, जिसे पचाना काफी मुश्किल होता है. ये चावल सेहत के लिये बेहद हानिकारक होता है. यदि कुछ बातों का ध्यान रखें तो प्लास्टिक का चावल (plastic rice) खाने और खरीदने से बच सकते हैं.

चूना मिलाकर करें पहचान

आज आधुनिकता के दौर में लोग चालाकी भी बड़ी आधुनिकता से करते हैं. आप चावल को हाथ लेकर देखते जरूर है, लेकिन नकली चावल और असली चावल के बीच का अंतर तक नहीं पहचान पाते, क्योंकि चावल दोनों ही एक समान लगते हैं. 

इस धोखे से बचने के लिये पहले चावल का कुछ सैंपल लेकर एक बर्तन में रख लें. 

इसके बाद चूना यानी लाइम और पानी को मिलाकर एक घोल बनायें.

अब इस घोल में चावलों को भिगोकर कुछ देर के लिए छोड़ दें.

अगर कुछ समय बाद ही चावल का रंग बदल जाये या रंग छोड़ दे तो समझ जाइये कि चावल नकली है.

इस तरह करें असली-नकली चावल की पहचान

प्लास्टिक का चावल और असली बासमती चावल की पहचान करना बेहद आसान है. इसके लिये कुछ सिंपल स्टेप्स फॉलो करने होंगे. एक गिलास पानी में एक चम्मच कच्चा चावल डालकर घोल दें. यदि चावल पानी पर तैरने लगते हैं तो समझ जाये कि ये चावल नकली है, क्योंकि असली चावल या अनाज पानी में डालने के साथ ही डूब जाता है.

कुछ चावलों को चम्मच पर लेकर लाइटर या माचिस की मदद से जलायें. यदि चावल चलाने पर प्लास्टिक या जले की बदबू आये तो समझ जायें चावल नकली है.

गर्म तेल में डालकर भी नकली चावल की पहचान कर सकते हैं. इसके लिये ज्यादा गर्म तेल में चावल के कुछ दाने डाल दें. इसके बाद चावल का आकार बदले या फिर चावल पिछलकर चिपक जाये तो सावधान हो जायें.

असली-नकली चावल (Real-Fake Rice) की पहचान उसे पकाकर भी कर सकते हैं. इसके लिये कुछ चावल उबालकर 3 दिन के लिये एक बोतल में भर दें. यदि चावल में फंगस लग जाती है तो चावल असली है, क्योंकि नकली चावल (Rice Test) पर कुछ असल नहीं पडता. 

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