मौसम विभाग की एडवाइजरी: राजस्थान में आज बदलेगा मौसम, 16 मार्च तक तेज आँधी, बारिश व ओलावृष्टि की चेतावनी

Agro Haryana, Rajasthan Weather Alert: राजस्थान में एक बार फिर मौसम ने करवट बदली है। अचानक हुए बदलाव से बीती रात से कई क्षेत्रों में बारिश व ओलावृष्टि की जानकारी प्राप्त हुई है। वहीं, बारिश से इस सप्ताह में गर्मी से राहत मिलने के कयास लगाए जा रहे है।
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रदेश में आज से एक नया पश्चिमी विक्षोप सक्रिय हुआ है जिसके चलते 14 से 16 मार्च तक मौसम में भारी बदलाव की प्रबल संभावना है।
इस परिवर्तन के चलते राज्य में तेज अंधड़, हल्की से मध्यम के बीच बारिश व ओलावृष्टि की संभावना मौसम विभाग की ओर से जताई गई है जिससे प्रदेश के औसत तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी।
पिछले 24 घंटों की बात करें तो प्रदेश के अधिकांश इलाकों में आसमान साफ रहा लेकिन कुछ हिस्सों में हल्के बादल छाए रहे। बाड़मेर जिला 40.6 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ राजस्थान का सबसे गर्म स्थान रहा। जालौर, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़ और जोधपुर सहित कई स्थानों पर तापमान 37 से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।
इन जिलों के लिए अलर्ट
साथ ही, जयपुर, अजमेर, सीकर, झुंझुनू, सिरोही और माउंट आबू जैसे शहरों में तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग की ओर से जयपुर, जोधपुर, अजमेर, अलवर, सीकर, चुरू, झुंझुनू, बीकानेर, धौलपुर, सिरोही, माउंट आबू और कोटा सहित राजस्थान के 14 जिलों में 14 से 16 मार्च तक येलो अलर्ट जारी किया है।
कई इलाकों में 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। मौसम विभाग के अनुसार, मौसम में इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर राज्य के उत्तरी और पश्चिमी जिलों में देखने को मिलेगा। यह प्रणाली 16 मार्च तक सक्रिय रहेगी, जिसके बाद मौसम साफ हो सकता है, लेकिन दिन और रात के तापमान में गिरावट जारी रह सकती है।
किसानों के लिए मौसम विभाग की एडवाइजरी
मौसम विभाग ने प्रदेश के मौसम में बदलाव कों लेकर किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है। तेज हवाओं और ओलावृष्टि से सरसों और गेहूं की फसलों को नुकसान होने की संभावना है। विभाग ने फसलों को ढककर सुरक्षित स्थान पर रखने की चेतावनी दी है ताकि फसलों को नुकसान से बचाया जा सके। यह परिवर्तन प्रदेश के लोगों के लिए गर्मी से राहत लाएगा, लेकिन किसानों के लिए चिंता का विषय बन सकता है, क्योंकि उनकी फसलों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना है।