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पीले रंग का ये फल खाने से बैलेंस होता है वात पित्त दोष, फायदे जान हो जाएगें हैरान

यह पीले रंग का फल यानी कि केला पौटेशियम और फॉस्फोरस का खजाना हैं. इस फ्रूट को खाने से हमारे शरीर में होने वाले अनेक रोगों के खतरे को टाला जा सकता है. आयुर्वेद में भी इससे होने वाले फायदों का वर्णन किया गया है.  आइए नीचे खबर में जानते हैं कि केला खाने से हमारी सेहत को क्या-क्या लाभ मिलते हैं...

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पीले रंग का ये फल खाने से बैलेंस होता है वात पित्त दोष, फायदे जान हो जाएगें हैरान

Agro Haryana, New Delhi :  केला बहुत फायदेमंद और ताकतवर फल है। इसे खाने से बॉडी में जान आती है। लेकिन कोई भी फूड सभी के लिए अच्छा नहीं होता। आयुर्वेद में कुछ लोगों के लिए केला खतरनाक बताया गया है। आइए जानते हैं कि केला खाने के फायदे क्या हैं और किन लोगों को इससे दूर रहना चाहिए।

केला खाने से क्या मिलता है? मेडिकल न्यूट्रिशनिस्ट विपिन राणा ने बताया कि विटामिन सी, फाइबर, पोटैशियम, मैंगनीज और विटामिन बी 6 के साथ-साथ केले में एंटीऑक्सीडेंट ग्लूटाथियोन, फेनोलिक्स, डेल्फिडिनिन, रुटिन और नारिंगिन मौजूद होते हैं।

80 बीमारियों का इलाज -

न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक केला वात पित्त दोष को बैलेंस करता है। आयुर्वेद में बताया गया है कि वात के बिगड़ने से लगभग 80 प्रकार की बीमारी होती हैं। जिसमें ड्राइनेस, चुभन, हड्डियों में गैप आना, कब्ज, कड़वा टेस्ट जैसी कई समस्याएं शामिल हैं।

केला किसे खाना चाहिए?

आयुर्वेद के मुताबिक केले का नेचर ठंडा व पचने में भारी होता है और यह लुब्रिकेशन करने का काम करता है। यह फूड उन लोगों को खाना चाहिए, जिनका शरीर ड्राई है, हमेशा थकावट रहती है, नींद अच्छे से नहीं आती, शरीर में हमेशा जलन रहती है, बहुत प्यास लगती है और गुस्सा बहुत आता है।

कौन न खाएं केला?

यह कफ दोष बढ़ाता है, इसलिए जिनका कफ ज्यादा है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए। कफ बढ़ने से अगर जठराग्नि कमजोर है तो यह फल उसे और धीमा कर देगा। ज्यादा चर्बी वाले लोग, खांसी-जुखाम में, दमा के मरीज इसे ना खाएं या बहुत सोच समझकर सेवन करें।

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