Agro Haryana

Cooking Oil : खाना पकाने के लिए इन तेलों का प्रयोग हो सकता है घातक, जानिए इसके नुकसान

आजकल लोग खाना बनाने के लिए मार्केट में मिलने वाले तेलों का इस्तेमाल करते हैं. कुछ लोगों को लगता है कि खाने को किसी भी तेल में पकाया जा सकता है. लेकिन आज हम आपको 5 ऐसे फुड ऑयल बताने जा रहें हैं जिनका प्रयोग करने से आपके शरीर को बड़े नुकसान हो सकते हैं. आइए नीचे खबर में जानते हैं कि इनसे होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से...

 | 
Cooking Oil : खाना पकाने के लिए इन तेलों का प्रयोग हो सकता है घातक, जानिए इसके नुकसान

Agro Haryana, New Delhi : आप भले ही डायटिंग पर हों, मगर किचन में कुकिंग ऑयल का यूज जरूर करते होंगे। आप खाना पकाने के लिए कौन से किस्‍म का तेल इस्‍तेमाल करते हैं, इस पर आपकी सेहत पूरी तरह से टिकी हुई है। कई लोग बाजार से बिना सोचे समझे सस्‍ता तेल खरीद कर उसी में खाना बनाना शुरू कर देते हैं। 

वहीं, बहुत से लोग पूड़ी-पराठे तलने के लिए कुछ ऐसी चीज मार्केट से उठा लाते हैं, जिसका खामियाजा उन्‍हें हार्ट अटैक या बढ़े हुए कोलेस्‍ट्रॉल से चुकाना पड़ता है। बाजार में मिलने वाला हर कुकिंग ऑयल हेल्‍दी नहीं होता।

यहां, हम पांच सबसे खतरनाक खाना पकाने के तेलों पर एक नजर डालते हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। साथ ही यब भी बताएंगे कि कहीं आप अनजाने में उनका सेवन तो नहीं कर रहे हैं।

कैनोला तेल -

डॉ. रोहिणी पाटिल, एमबीबीएस, पोषण विशेषज्ञ, कहती हैं, 'हालांकि कुछ अन्य कुकिंग ऑइल की तुलना में कैनोला तेल को एक हेल्‍दी विकल्प माना जाता है, फिर भी कैनोला तेल को सावधानी से चुना जाना चाहिए। इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड का मिश्रण होता है, और गैर-आनुवंशिक रूप से संशोधित (non-GMO) किस्मों को चुनने की सलाह दी जाती है।

​सोयाबीन तेल -

सोयाबीन तेल अत्यधिक ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरा होता है। इससे हमारे शरीर में ओमेगा-6 और ओमेगा-3 का रेशियो असंतुलित हो सकता है। जिससे शरीर में सूजन, गठिया और कुद प्रकार के कैंसर होने का खतरा पैदा हो सकता है। सोयाबीन तेल में रोजाना खाना पकाने से मोटापे और मधुमेह की समस्‍या पैदा हो सकती है।

मकई का तेल -

वनस्पति तेल की तरह मक्के के तेल में भी उच्च स्तर का ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है। आहार में ओमेगा-6 फैटी एसिड की अधिकता से सूजन हो सकती है। आपको इसमें 100% फैट मिलेगा। इसके अलावा ना तो इसमें प्रोटीन होता है और ना ही कार्बोहाइड्रेट। खाना पकाने के मामले में कॉन ऑइल का स्वास्थ्यप्रद विकल्प नहीं है। इसकी जगह पर आप जैतून और नारियल तेल का इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

​जैतून का तेल -

जब सलाद और खाने में ऊपर से तेल डालने की बात आती है, तो जैतून के तेल का उपयोग सबसे हेल्‍दी माना जाता है। हालांकि, इसका स्‍मोकिंग प्‍वॉइंट कुछ अन्य तेलों की तुलना में कम है, जिसका अर्थ है कि यह तेज आंच पर खाना पकाने के लिए उपयुक्त नहीं है। इससे इसके पोषक तत्‍व खराब हो जाते हैं और तब ये तेल शरीर के लिए हानिकारक बन जाता है।

पाम ऑयल -

पाम ऑइल को ताड़ का तेल कहा जाता है, जो Saturated fats से भरपूर होता है, जिसका ज्‍यादा मात्रा में सेवन करने से हृदय रोग हो सकता है। इस तेल का इस्‍तेमाल ज्‍यादातर नहाने वाला साबुन बनाने में होता है। यह काफी ऊंचे तापमान पर पिघलता है, इसी वजह से इसे रेस्तरां या फिर टॉफी-चॉकलेट आदि बनाने में प्रयोग किया जाता है, जिससे यह मुंह में जाते ही तुरंत पिघल जाए।

​इनकी जगह कौन सा तेल इस्तेमाल करें?​

पाम ऑइल, मकई के तेल, सोयाबीन तेल, कैनोला तेल और जैतून के तेल के उपयोग से बचना या सीमित करना आपकी हेल्‍थ के लिए ठीक रहेग। इसके बजाय, नारियल तेल, एवोकैडो ऑइल और तिल के तेल जैसे हेल्‍दी ऑप्‍शन्‍स चुनें। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सर्वोत्तम स्वास्थ्य के लिए सभी तेलों का उपयोग सीमित मात्रा में किया जाना चाहिए।

WhatsApp Group Join Now

Around The Web

Latest News

Trending News

You May Also Like