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Agniveer Scheme : अग्निवीर के शहीद होने पर सरकार कितना मुआवजा देती है, जानिए क्या इसके नियम

Agneepath Scheme : भारतीय सेना में युवाओं को अग्निवीर के रूप में भर्ती किए जाते हैं अगर अग्निवीर डयुटी के दौरान शहीद होता है. तो उसके परिवार को कितना मुआवजा देती है सरकार चलिए जानते हैं क्या है सरकार के नए नियम...

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अग्निवीर के शहीद होने पर सरकार कितना मुआवजा देती है
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Agro Haryana, New Delhi : अग्निपथ योजना, सेना में भर्ती होने की नई प्रक्रिया जिसके जरिए भारत के वीर सपूत फौज का हिस्सा बनते हैं। अब इस नई प्रक्रिया के नए नियमों को लेकर चर्चाएं हमेशा होती रही हैं।

अब अग्निवीर गवाते अक्षय लक्ष्मण के शहीद होने के बाद उत्सुकता बढ़ गई है कि आखिर किसी अग्निवीर की मौत पर सरकार परिवार को कितनी सहायता राशि देती है।

सरकार के अनुसार, इस योजना के तहत अग्निवीर चार सालों के लिए सेना का हिस्सा बनते हैं। चार सालों के बाद अग्निवीर आम जीवन में वापसी करते हैं।

खास बात है कि इन चार सालों के बाद अग्निवीरों को डिफेंस फोर्सेज में आने का मौका दिया जाता है। अब 4 साल पूरे कर चुके बैच के 25 फीसदी सैनिकों को भारतीय सुरक्षा बल में शामिल किया जाता है। हालांकि, चयन की पूरी प्रक्रिया का अधिकार सरकार के पास होता है।

सैलरी और अन्य पैकेज

अग्निवीरों को शुरुआती साल में 30 हजार रुपये प्रति महीना मिलता है। इनमें से 21 हजार रुपये उनके हाथों में आता है और 30 फीसदी यानी करीब 9 हजार रुपये कॉर्पस फंड में जाता है। सरकार भी हर महीना 9 हजार रुपये का योगदान इस फंड में देती है।

दूसरे वर्ष से अग्निवीर की मासिक सैलरी में इजाफा होता है और आंकड़ा 33 हजार पर पहुंच जाता है। यहां हर महीने उन्हें 23 हजार 100 रुपये मिलते हैं और 9 हजार 900 कॉर्पस फंड में जाते हैं।

तीसरे वर्ष में सैलरी हर महीने 36 हजार 500 हो जाती है और 10 हजार 950 कॉर्पस फंड में जाता है। उनके हाथ में 25 हजार 550 रुपये आते हैं। आखिरी वर्ष में सैलरी 40 हजार रुपये और कॉर्पस फंड 12 हजार रुपये होता है। अग्निवीर 28 हजार रुपये पाते हैं।

जितनी राशि एक अग्निवीर हर महीने कॉर्पस फंड में देता है, उतनी ही राशि का योगदान सरकार देती है। चार सालों की सेवा के अंत के बाद यह राशि 10 लाख रुपये पहुंच जाती है वापस मिलती है।

दिव्यांगता होने पर- ऐसे अग्निवीर को डिफेंस फोर्सेज की सेवाओं से मुक्त कर दिया जाता है और एकमुश्त मुआवजा मिलता है। चिकित्सा अधिकारी दिव्यांगता के प्रतिशत के आधार पर मुआवजा तय कर ते हैं।

100 फीसदी दिव्यांगता पर 44 लाख रुपये, 75 फीसदी दिव्यांगता पर 25 लाख और 50 फीसदी दिव्यांगता पर 15 लाख रुपये मिलते हैं।

जानने योग्य नियम

अग्निवीरों को प्रोविडेंट फंड या PF में रुपये डालने की जरूरत नहीं होती। साथ ही उन्हें ग्रेच्युटी और किसी भी तरह की पेंशन की सुविधा भी नहीं मिलती है। साथ ही सेवा निधि पर आयकर भी नहीं लगता है।

शहीद होने की स्थिति में

अगर कोई अग्निवीर ड्यूटी के दौरान शहीद हो जाता है, तो उन्हें 48 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर, 44 लाख रुपये अनुग्रह राशि, चार सालों की सेवा निधि और कॉर्पस फंड मिलता है।

खास बात है कि इसमें कुछ ब्याज भी शामिल होता है। अगर किसी अग्निवीर की मौत ऐसे समय पर होती है, जब वह ड्यूटी पर नहीं थे, तो उन्हें 48 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर और मृत्यु की तारीख तक जोड़ी हुई सेवा निधि और कॉर्पस फंड भी दिया जाता है।


 

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