Senior Citizen: सीनियर सिटीजन लोगों को रेलवे में मिलते है ये 3 खास फायदें, 99 प्रतिशत लोगों को नहीं जानकारी
Railway: इंडियन रेलवे की ओर से सीनियर सिटीजन को 3 खास फायदें दिए जाते है लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इनका फायदा नहीं उठा पाते है। रिपोर्ट के मुताबिक 99 प्रतिशत लोगों को इन फायदों के बारे में जानकारी ही नहीं है। आइए नीचे खबर में जानते है भारतीय रेलवे द्वारा सीनियर सिटीजन को दिए जाने वाले 3 खास फायदों के बारे में विस्तार से
Dec 29, 2024, 16:09 IST
| Agro Haryana हरियाणा डिजिटल डेस्क, (Railway) भारतीय रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए समय समय पर अपनी योजनाओं में बदलाव करता रहता है ताकि यात्रियों को यात्रा के दौरान ज्यादा समस्याओं का सामना ना करना पड़े। इंडियन रेलवे द्वारा हर उम्र के यात्रियों के लिए अलग अलग सुविधा दी जाती है लेकिन सीनियर सिटीजन लोगों को इंडियन रेलवे 3 खास प्रकार की सुविधा प्रदान करता है। जानकारी के लिए बता दें कि 60 साल या अधिक उम्र के पुरुषों और 58 साल या अधिक उम्र की महिलाओं को रेलवे वरिष्ठ नागरिक यानी सीनियर सिटीजन (Senior Citizens) मानता है. रेलवे अपने इन सीनियर सिटिजन यात्रियों का पूरा ख्याल भी रखता है.
हालांकि, रेल यात्रा के दौरान इन बुजुर्ग यात्रियों को मिलने वाली कई सुविधाओं के बारे में ज्यादातर लोगों को मालूम ही नहीं होता. आइए, ऐसी ही तीन बेहतरीन सुविधाओं के बारे में जानते हैं जिनका सीनियर सिटीजन यात्री आसानी से लाभ उठा सकते हैं.
1. प्राथमिकता के आधार पर सीनियर सिटीजन को मिलती है लोअर बर्थ की सुविधा
भारतीय रेलवे की कुछ ट्रेन को छोड़कर ज्यादातर में आरक्षित और अनारक्षित दो तरह के कोच होते हैं. वहीं, लोअर, मिडिल और अपर तीन तरह के बर्थ होते हैं. आरक्षण के दौरान रेलवे बुजुर्ग यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए प्राथमिकता के आधार पर लोअर यानी नीचे का बर्थ अलॉट (Lower Berth Reservation For Senior Citizens) करता है. महिला यात्रियों के मामले में 45 साल की उम्र पूरी करने के बाद ही यह सुविधा दी जाती है. आरक्षण करवाने वक्त कम्प्यूटर से ऑटोमेटिक रूप से उन्हें लोअर बर्थ दे दी जाती है.
2.चलती ट्रेन में सीनियर सिटीजन का खाली लोअर बर्थ पर होता है पहला हक
सीनियर सिटीजन को यह सुविधा सीट की उपलब्धता के आधार पर ही दी जाती है. वहीं, अगर रिजर्वेशन करवाने वक्त लोअर बर्थ नहीं मिली तो चलती ट्रेन में भी लोअर बर्थ खाली (Lower Berth Quota for Senior Citizens) रहने पर बुजुर्ग यात्री टीटीई से मिलकर मांग कर सकते हैं. रेलवे के नियमों के मुताबिक, ट्रेन खुलने के बाद अगर कोई लोअर बर्थ खाली रह जाती है तो मिडिल या अपर बर्थ वाले सीनियर सिटीजन टीटीई से इसे आवंटित करने का अनुरोध कर सकते हैं. कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद टीटीई उन्हें बर्थ आवंटित कर देता है.
3. स्लीपर और एसी कोच में सीनियर सिटीजन के लिए आरक्षित सीट की सुविधा
भारतीय रेलवे की आरक्षित कोच (IRCTC Senior Citizen Quota) वाली सभी ट्रेन में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ बर्थ आरक्षित होती हैं. नियमों के मुताबिक, सभी स्लीपर कोच में छह लोअर बर्थ रिजर्व होती हैं. वहीं, एसी 3 टियर और एसी 2 टियर कोच में वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीन-तीन लोअर बर्थ आरक्षित होती हैं. हालांकि, जरूरत के मुताबिक, इन सीट या बर्थ पर ही 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिला और गर्भवती यात्रियों को भी बिठाया जाता है.
वहीं, राजधानी एक्सप्रेस और दुरंतो एक्सप्रेस जैसी सभी एसी कोच वाली ट्रेनों में आम मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के मुकाबले वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिक संख्या में बर्थ रिजर्व रहती हैं.
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