New Canal: राजस्थान में नई नहर के लिए 4694.247 हेक्टेयर जमीन होगी अधिग्रहण, 5046 परिवारों को मिलेगा मुआवजा
Rajasthan New Canal: राजस्थान के लोगों के लिए दो बड़ी खुशखबरी है। एक जहां राजस्थान में नई नहर निकलने से लोगों को जमीन अधिग्रहण के बदले अच्छे रुपए मिलेंगे वहीं दूसरी और पीने के पानी समस्या से परेशान लोगों को निजात मिलेगी। बता दें कि राजस्थान में नई नहर निकलने के प्रोजेक्ट को लेकर 4694.247 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जानी है। आइए जानते है जमीन अधिग्रहण के लिए राजस्थान के किन इलाकों का नाम है शामिल
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Rajasthan Canal Project: ( Rajasthan Update) राजस्थान के लोगों को एक साथ दो बड़ी खुशखबरी मिली है। राजस्थान में जल्द ही नई नहर निकलने जा रही है। जी हां सही हम बात कर रहे है पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (PKC-ERCP) की।
जिस पर जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। नई नहर निकलने से एक तरफ जहां जमीन अधिग्रहण होने की वजह से लोगों को मुआवजे के तौर पर अच्छी रकम मिलेगी वहीं दूसरी ओर पानी की समस्या से परेशान लोगों को पीने का अच्छा पानी मिलेगा।
4694.247 हेक्टेयर जमीन होगी अधिग्रहण
राजस्थान में निकलने वाली नई नहर पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट की बात करें तो इसके लिए लगभग 4694.247 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की अनुमानित सीमा रखी गई है।
जानकारी के लिए बता दें कि जमीन अधिग्रहण की वजह से 5046 लोग प्रभावित होंगे। जिसको लेकर अनुबंधित कंपनी ने जनसुनवाई की तैयारी कर ली है। प्रभावित होने वाले लोगों की ओर से कुछ संदेह व्यक्त किए गए लेकिन बाद में अधिकारियों द्वारा इसके लाभ भी बताए गए।
डीपीआर बनने के बाद शुरू होगा काम
जानकारी के तौर पर बता दें कि पहले, रामगढ़-महलपुर में बैराज और नवनेरा पंप हाउस बनाया जाएगा। पानी बीसलपुर-ईसरदा बांध में जाएगा। डीपीआर बनाया जा रहा है। डीपीआर बन जाने के बाद नहर निकालने का काम शुरू कर दिया जाएगा। पहले चरण में 9600 करोड़ रुपए की लागत आएगी। वर्ष 2028 तक चंबल का पानी बीसलपुर और ईसरदा बांधों तक लाया जाएगा। क्योंकि बीसलपुर को 2027 तक की जनसंख्या को देखते हुए बनाया गया था
नई नहर निकलने से लोगों को मिलेंगे ये फायदा
1.परियोजना क्षेत्र में जल संग्रहण का एक बड़ा स्रोत बन जाएगा, जो भू-जल स्तर को बढ़ा देगा।
2.निचले क्षेत्र में बने जल संग्रहण स्रोतों को आवश्यकतानुसार जल मिलेगा। जिससे क्षेत्र के लोगों को पर्याप्त मात्रा में जल मिलेगा।
3.किसानों को लाभ मिलेगा, क्योंकि कृषि उत्पादकता बढ़ेगी।
4.पेयजल की उपलब्धता होगी।
5.प्रदेश के 10 जिलों (हाल ही में बनाए गए 17 जिलों) में बाढ़ और सूखे की घटना कम होगी।
6.जल की उपलब्धता के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र भी बढ़ेगा। लोगों को नौकरी मिलेगी।
7. बांधों में पर्याप्त जल होने पर पेयजल से वंचित इलाकों, शहरों और कस्बों को पेयजल मिलेगा।
प्रोजेक्ट के लिए 5046 परिवारों की जमीन अधिग्रहित
राजस्थान में जल्द ही नई नहर निकलने वाली है। जिसकी डीपीआर पर काम हो रहा है। डीपीआर रिपोर्ट आने के बाद नहर निकालने का काम शुरू कर दिया जाएगा। वहीं नई नहर के लिए राजस्थान के कुछ इलाकों में जमीन अधिग्रहण भी की जाएगी। रामगढ़-महलपुर बैराज और नवनेरा पंप हाउस निर्माण के दौरान कोटा और बारां जिले की किशनगंज, मांगरोल, बारां और दीगोद तहसील में 4694.247 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की घोषणा की गई है। बैराज और पम्प हाउस डीपीआर के तहत तहसीलों में 5046 परिवारों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी।