सर्वे से आगे नहीं बढ़ पा रही मेरठ पानीपत नई रेलवे लाइन, जानिए कहां अटकी है फाइल
पिछले 25 साल से हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जोड़ने के लिए 105 किमी लंबाई वाली मेरठ-पानीपत नई रेलवे लाइन प्रस्तावित है। दो प्रांत और चार जिलों में हरियाणा के पानीपत और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली, मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों से गुजरने वाली इस नई रेलवे लाइन का पिछले 25 सालों मे 275 करोड़ रुपये से बढ़कर 3500 करोड़ रुपये की लागत हो चुकी है। उत्तर रेलवे की ओर से आठ माह पूर्व पानीपत-शामली, मुजफ्फरनगर और मेरठ जिले के दौराला तक सीमा पिलर लगवा चुके हैं। छह माह पूर्व सहारनपुर के दौरे पर आए केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने मेरठ-पानीपत नई रेलवे लाइन की बाबत जिले के एक प्रतिनिधि मंडल को जल्द बजट अवमुक्त करने का आश्वासन दिया। कैराना सांसद प्रदीप चौधरी, केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने केंद्रीय रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव से मिलकर मेरठ-पानीपत नई रेलवे लाइन की स्थापना की मांग की थी।
उधर शिवाजी ब्रिज नई दिल्ली के उपमुख्य अभियंता निर्माण ने 21 अक्तूबर 2022 को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी दी है कि मेरठ-पानीपत नई रेलवे लाइन के एलाइनमेंट और सर्वेक्षण को 2021 में अंतिम रूप दिया गया था। नई रेलवे लाइन की डीपीआर सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के लिए गत 11 अगस्त 2021को रेेलवे बोर्ड को भेजी की गई थी। इसकी स्वीकृति रेलवे बोर्ड से नहीं मिली है। स्वीकृति मिलने के बाद कार्य शुरू होगा।
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पानीपत से लेकर दौराला तक 12 रेलवे स्टेशन होंगे
शामली। जिले के कैराना क्षेत्र के तितरवाड़ा, गंगेरु, एलम से होकर मुजफ्फरनगर और मेरठ जिले के दौराला तक जाएगी। एलम में दिल्ली-शामली, सहारनपुर रेलवे मार्ग को जोड़ेगी। एलम रेलवे स्टेशन जंक्शन के रूप में विकसित होगा। पानीपत जिले के दिवाना, शिमला गुजरान, बापौली, शामली जिले के तितरवाड़ा, गंगेरु, एलम, मुजफ्फरनगर जिले के राजपुर गढ़ी, जौला, बुढ़ाना, मेरठ जिले के मुल्हेड़ा, सरधना, दौराला आदि रेलवे स्टेशन होंगे।