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Largest Railway Station: ये है दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन, जहां बना है खुफिया प्लेटफॉर्म

 Largest Railway Station: रेलवे स्टेशन तो आपने बहुत देखे होंगे परंतु इस खबर में आज हम आपको एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जान रहे है जो दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है जिसके अंदर एक खुफिया प्लेटफार्म भी है जिसे बहुत सीक्रेट रखा गया है। तो आइए नीचे खबर में विस्तार से जानते है इस रेलवे स्टेशन के बारे में... 
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 ये है दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन

Agro Haryana, New Delhi: भारतीय रेलवे को देश की लाइफ लाइन कहा जाता है. रेलवे का इस्तेमाल न सिर्फ पैसेंजर्स द्वारा किया जाता है. बल्कि, इसका इस्तेमाल माल ढुलाई के लिए भी करते हैं.

रोजाना लाखों-करोड़ों की संख्या में लोग रेल से सफर करते हैं. हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे भारत जैसी सेमी हाई स्पीड ट्रेन भारतीयों को सौंपी है.

भारत में ट्रेनों और स्टेशनों को लेकर कई रोचक तथ्य सुनने को मिलते हैं. आपको बता दें कि भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कोलकाता का हावड़ा रेलवे स्टेशन है, जहां पर प्लेटफार्म की संख्या 26 है.

दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन

कर्नाटक के हुबली रेलवे स्टेशन की बात करें, तो यहां का प्लेटफार्म नंबर 8 सबसे ज्यादा बड़ा है. क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कौन है?

आपको बता दें कि ग्रैंड सेंट्रल टर्मिनल (Grand Central Terminal) स्टेशन को दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कहा जाता है. इस रेलवे स्टेशन का निर्माण 1903 से लेकर 1913 के बीच में हुआ था.

ग्रैंड सेंट्रल टर्मिनल स्टेशन पर कुल प्लेटफार्म की संख्या 44 है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां से रोजाना 660 मेट्रो ट्रेन्स होकर गुजरती हैं.

खुफिया प्लेटफॉर्म क्यों बना?

बता दें कि ग्रैंड सेंट्रल टर्मिनल स्टेशन पर एक खुफिया प्लेटफार्म भी है जिसे बहुत सीक्रेट रखा गया है. यहां पर आम नागरिकों के आने जाने की मनाही है. माना जाता है कि यह प्लेटफॉर्म Waldorf Astoria होटल के ठीक नीचे है.

मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का खुलासा हुआ है कि इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल राष्ट्रपति फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट द्वारा किया जाता था. आपको बता दें कभी भी इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल रेगुलर सर्विस के लिए नहीं किया जाता है.

ग्रैंड सेंट्रल टर्मिनल स्टेशन को लेकर कई दिलचस्प दावे किए जाते हैं. कहा जाता है कि यहां आने वाले यात्रियों के खोने वाले सामान की संख्या हर साल करीब 19 हजार के आसपास होती है. इनमें से 60 फीसदी सामान ऐसे होते हैं जिन्हें वापस उनके मालिकों के पास पहुंचा दिया जाता है.

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