Income Tax: आयकर विभाग ने टैक्स भरने वाले लोगों को दी बड़ी राहत, जानिए पहले से कितना कम देना होगा टैक्स
Agro Haryana, New Delhi: रेंट फ्री हाउस के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने सैलरीपेशा लोगों को बड़ी राहत दी है। इसके तहत जिन कर्मचारियों को उनकी कंपनी ने किराया-मुक्त आवास उपलब्ध कराया है, वे अब ज्यादा बचत के साथ अधिक वेतन प्राप्त कर सकेंगे।
क्योंकि, आईटी डिपार्टमेंट ने रेंट-फ्री अकोमोडेशन (Rent-Free Accommodation) से जुड़े नियमों में बदलाव किया है, जो 1 सितंबर से प्रभावी हो गए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड आयकर नियमों में संशोधन पहले ही अधिसूचित कर चुका है।
सीबीडीटी के अनुसार, केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारियों के अलावा अन्य कर्मचारी, जो कंपनी के मालिकाना हक वाले घर में रहते हैं उनके वैल्यूएशन के मूल्यांकन में अब बदलाव किया गया है।
नए नियमों में क्या?
आयकर विभाग ने कंपनी की ओर से कर्मचारियों को दिए गए रेंट फ्री आवास का मूल्यांकन करने के लिए नियम बदल दिए हैं। नए नियम के अनुसार, जहां कर्मचारियों को नियोक्ता की ओर से अन-फर्निश्ड आवास दिया जाता है, और ऐसे आवास का मालिकाना हक खुद कंपनी के पास है, उसका वैल्यूएशन अब अलग तरीके से होगा।
नए नियमों के तहत, अब वो शहरी क्षेत्र जिसकी जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 40 लाख से अधिक है तो वहां एचआरए वेतन का 10 फीसदी होगा। इससे पहले यह 2001 की जनगणना के अनुसार 15 फीसदी था।
एकेएम ग्लोबल टैक्स पार्टनर के अमित माहेश्वरी ने कहा, “जो कर्मचारी पर्याप्त वेतन ले रहे हैं और नियोक्ता से मिले आवास में रह रहे हैं, वे अब ज्यादा बचत करने में सक्षम होंगे क्योंकि संशोधित दरों के साथ उनका टैक्सेबल बेस अब कम होने जा रहा है। ऐसे में उनके घर का मूल्य कम होगा और सैलरी में भी बढ़ोतरी होगी।
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीईओ गौरव मोहन के अनुसार, एचआरए का लाभ लेने वाले कर्मचारियों के टैक्सेबल सैलरी में कमी आएगी, जिससे नेट टेक-होम सैलरी बढ़ेगी। एक तरफ इससे कर्मचारियों के लिए सेविंग को बढ़ेगी तो वहीं सरकारी राजस्व में कमी आएगी।