Haryana News: दो करोड़ की लागत से होगा रावतखेड़ा में गुरु जंभेश्वर भगवान साथरी का पुनर्निर्माण

मुकाम के मंहत स्वामी रामानंद ने दी थी इतिहास की जानकारी
जानकारी के तौर पर बता दें कि गांव रावतखेड़ा में लालासर साथरी के महंत स्वामी सच्चिदानंद (swami sachidanand) जी ने जम्भवाणी कथा की थी। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मुकाम के महंत स्वामी रामानंद थे। इस दौरान उन्होने ग्रामीणों को रावतखेड़ा साथरी के इतिहास के बारे में जानकारी दी। बताया जाता है कि
अविभाजित पंजाब के 84 गांवों में बिश्नोई आबादी मानी गई थी। उन सबकीमान्यता का मुक्तिधाम मुकाम के बाद दूसरा दर्जा रावतखेड़ा था।
यहां मुकाम में सामाजिक फैसले जो किन्ही कारणों से अधूरे रह जाते थे,उनके तथा 84 गांवों की सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंथ संबंधीआदेश सुनाए जाते थे। इन्हें तब की भाषा में 'हेला- देणा' कहा जाता था। रावतखेडा में सुनाए गए फैसले को आदेश माना जाता था।
नक्शा हुआ पास
गुरु जंभेश्वर भगवान साथरी का पुनर्निर्माण को लेकर मंदिर की कमेटी द्वारा नक्शा पास करवा लिया गया है। जिसके बाद जल्द ही गुरु जंभेश्वर भगवान साथरी का पुनर्निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा।