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Haryana News: मां की अर्थी को 4 बेटियों ने कंधा देकर समाज में की नई मिसाल कायम

Haryana News: सिरसा जिले की पुरानी कोर्ट कॉलोनी निवासी सरोज परनामी धर्मपत्नी स्व. श्री केवल कृष्ण परनामी की मृत्यु हो गई है। उनकी अर्थी को कंधा उनकी 4 बेटियों ने दिया है। ऐसा करने उनकी बेटियों ने समाज में नई दिशा देना का काम कर दिया है।  

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मां की अर्थी को 4 बेटियों ने कंधा देकर समाज में की नई मिसाल कायम

Agro Haryana, Digital Desk- नई दिल्ली : Haryana News: हरियाणा के सिरसा जिले से प्रेरणा भरी खबर सामने आ रही है। बेटियां आज के समय में समाज में एक नई मिशाल बन रही है। सिरसा की 4 बेटियों ने मिसाल कायम की है।

हरियाणा के सिरसा शहर के पुरानी कोर्ट कॉलोनी निवासी सरोज परनामी धर्मपत्नी स्व. श्री केवल कृष्ण परनामी (परनामी क्लॉथ हाऊस वाले) के निधन पर उनको उनकी 4 बेटियों ने कंधा देकर उनकी अर्थी को उठाया है। 

अर्थी के साथ घर से ही नहीं चली बल्कि शमशान घाट पहुंचकर अपनी मां की मुक्ति के लिए पूरे हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करवाया है। अंतिम संस्कार करवाकर बेटियों ने एक नई मिसाल कायम की है। 

बेटियों की इस नई मिसाल को देखकर हर किसी की आंखें नम हो गई है। आज के समय और पहले के समय में हर कोई चाहता है कि उनके घर पर बेटा हो दो उनके घर का ध्यान रखें और उनका बुढ़ापे का सहारा बने। 

लेकिन बेटियों की इस नई मिसाल को देखकर भविष्य में बेटा और बेटी को एक सामान माना जाएगा। लोग की बेटे के प्रति सोच बदल जाएगी। जो बेटों द्वारा काम किया जाता है अब वह बेटी ने कर दिखाया है।  

आपको बता दें कि स्व. सरोज परनामी की चार बेटियां, जिनमें सपना मदान, डा. सीमा पाहवा, नीतू गिरधर व ईशा परनामी है और कोई बेटा नहीं है। स्व. सरोज परनामी की बड़ी बेटी विदेश में रहती है। बड़ी बेटी सपना जोकि पेशे से डॉक्टर है और स्विट्रजलेंड में रहती हैं। अन्य तीन बहनें भी डॉक्टर व इंजीनियर है। 

डा. सपना ने कहा है कि जो बात कभी सपना लगती थी वह अब सच हो गई है। बेटी और बेटा अब एक सम्मान हो गए है। अब दोनों को बराबर का हक दिया जाएगा। इसके लिए बस लोगों को अपनी सोच बदलने की जरुरत है। आने वाले समय में बेटा और बेटी का फर्क खत्म हो जाएगा।  


 

 
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