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Bihar Railway : बिहार में जल्द बिछेगी रेलवे लाइन, 11 गांवों की जमीन अधिग्रहण का काम शुरु

जमीन खरीद की प्रक्रिया पूरी कर लेने के कारण अब इस प्रोजेक्ट के पूरे होने का रास्ता साफ हो गया है। इस बीच मोतीपुर के मौजा महल में रैयतों को मुआवजा भुगतान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
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 बिहार की इस रेलवे लाइन के लिए 11 गांवों की जमीन अधिग्रहण का काम शुरू

Agro Haryana, New Delhi बिहार के मुजफ्फरपुर से अहम खबर सामने आई है। यहां भूमि अधिग्रहण नहीं होने के चलते पिछले तीन साल से अटकी पड़ी मुजफ्फरपुर- सुगौली रेललाइन दोहरीकरण (Muzaffarpur Sugauli Rail Route) का रास्ता अब साफ होता दिख रहा। 

रअसल जमीन खरीद की प्रक्रिया पूरी कर लेने के कारण अब इस प्रोजेक्ट के पूरे होने का रास्ता साफ हो गया है। इस बीच मोतीपुर के मौजा महल में रैयतों को मुआवजा भुगतान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

11 गांवों में किया गया जमीन अधिग्रहण-
जानकारी के मुताबिक, जिले में कुल 11 गांवों में भूमि का अधिग्रहण किया गया है। मुआवजा भुगतान करने की प्रक्रिया जल्द समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। अगस्त में कुल अधिग्रहण की गई 38.1 एकड़ जमीन रेलवे को सौंप दी जाएगी।

 सुगौली से आगे दोहरीकरण का काम बहुत पहले ही पूरा हो चुका है। इस पर ट्रेनों का परिचालन भी शुरू हो चुका है, लेकिन मुजफ्फरपुर जिले में जमीन लेने की प्रक्रिया में समस्या के कारण यह परियोजना तीन वर्षों से लंबित थी।

ऐसे तेज हुई रेल लाइन डबलिंग की कवायद-

इसी मुद्दे पर हाल में पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को पत्र लिखकर शीघ्र भू-अर्जन कार्य को पूरा कराने के लिए संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया था। इसके लिए डीएम प्रणव कुमार ने तुरंत काम को पूरा करने का निर्देश भी दिया था।

 जमीन अधिग्रहण को लेकर 53 करोड़ रुपये पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं। इसके अलावा अगर और अधिक राशि की आवश्यकता पड़ेगी तो रेलवे की ओर से भू-अर्जन कार्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा।
 
रेललाइन के दोहरीकरण से क्या होगा फायदा-

इस बीच कांटी, मीनापुर और मोतीपुर के 11 गांवों में भूमि अधिग्रहण किया गया है। मुजफ्फरपुर-सुगौली रेललाइन के दोहरीकरण होने से नेपाल तक जाने में मदद मिलेगी। 

इसके अलावा वर्तमान में ट्रेन पकड़ने के लिए मुजफ्फरपुर जंक्शन पर यात्रियों को आना पड़ता है। रेल लाइन दोहरीकरण कार्य पूर्ण होने से मोतीपुर से ही लोग ट्रेन पकड़ सकेंगे।

इससे व्यवसाय और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। दोहरीकरण होने से इस रेलखंड पर ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी साथ ही बियाडा की ओर से मोतीपुर चीनी मिल की जमीन पर बनाए गए औद्योगिक क्षेत्र में व्यवसायियों को उद्योग लगाने में भी सुविधा मिलेगी।

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