New Railway Line: राजस्थान से मध्यप्रदेश के बीच नई रेलवे लाइन का 68 फीसदी काम पूरा, जानिए पूरा रूट मैप
Rajasthan MP News: दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में भारतीय रेलवे का नाम आता है। जानकारी के लिए बता दें कि हर साल भारतीय रेलवे का विस्तार होता जा रहा है। हॉल में इंडियन रेलवे ट्रेक की कुल लंबाई 1,26,366 किलोमीटर है।
इस कड़ी में राजस्थान से मध्यप्रदेश के बीच रेलवे लाइन का काम बहुत अहम है। इस प्रोजेक्ट को 2000-01 के रेल बजट में मंजूरी मिली थी लेकिन अभी तक इस रेलवे लाइन का काम पूरा नहीं हुआ था लेकिन अब इस प्रोजेक्ट को लेकर इंतजार कर रहे लोगों का इंतजार खत्म होने का समय आ गया है।
कब तैयार होगी भोपाल-रामगंज मंडी रेलवे लाइन
जानकारी के लिए बता दें कि भोपाल-रामगंज मंडी रेलवे लाइन काम तेजी से किया जा रहा है। हॉल में 68 फीसदी काम पूरा हो चुका है। 2000-1 के रेल बजट में मंजूरी मिलने के बाद इस प्रोजेक्ट को लेकर साल 2004 में निर्माण कार्य शुरू हुआ। पहले इस रेलवे लाइन को मार्च 2021 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन अब दिसंबर 2025 तक प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
भोपाल-रामगंज मंडी रेलवे लाइन से किन लोगों का होगा फायदा
राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच बिछने वाली भोपाल-रामगंज मंडी रेलवे लाइन से लाखो लोगों को फायदा होगा। रेल लाइन का काम पूरा होने के बाद मध्य प्रदेश में राजगढ़, ब्यावरा, नरसिंहगढ़, कुरावर, श्यामपुर, मुबारकगंज और दोराहा जैसे क्षेत्रों को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचेगा. वहीं, राजस्थान में घाटोली, इकलेरा, जूनाखेड़ा, झालरा पाटन और रामगंजमंडी के लोग भी फायदे में रहेंगे.
दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा निर्माण कार्य
राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच बिछने वाली भोपाल-रामगंज मंडी रेलवे लाइन के निर्माण को लेकर पहले मार्च 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन इसे संशोधित करके अब दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं पहले जहां इस रेलवे लाइन के 424 करोड़ रुपये की लागत रखी गई थी लेकिन अब इसे संशोधित करके 3032.46 करोड़ रुपये रखी गई है।
भोपाल-रामगंज मंडी रेलवे लाइन में क्या होगा खास
राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच बिछने वाली भोपाल-रामगंज मंडी रेलवे लाइन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होगी. इस पर 4 मेन ब्रिज, 24 छोटे पुल, 2 रेलवे ओवरब्रिज और दो सुरंग होंगी. भोपाल-रामगंज मंडी रेलवे लाइन के ट्रैक को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि इस पर 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकें.