New City Project: दिल्ली NCR के नजदीक बसाया जाएगा हाईटेक शहर, 87 गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू
New City Project Near Delhi NCR: दिल्ली NCR के नजदीक एक नया हाईटेक शहर बसाने की तैयारी है. इसको लेकर नोएडा, गाज़ियाबाद व गौतमबुद्ध नगर के 87 गाँवों की करीब 21 हजार हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. इसको लेकर तीनों जिलों के प्रमुख अधिकारी प्रयासरत है.
Agro Haryana News, New Noida City Project: नया नोएडा सिटी प्रोजेक्ट के लिए भू अधिग्रहण अधिकारियों के लिए बड़ा सिरदर्द हो गया है. भूमि अधिग्रहण को लेकर अधिकारियों व किसानों के बीच गतिरोध की स्थिति भी बनी हुई है. विवादों के मद्देनजर गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और बुलंदशहर जिले के सीनियर अधिकारी विचार-विमर्श में जुटे है.
अधिकारियों की ओर से ऐसा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जिससे गतिरोध ख़त्म हो जाए और किसान सहमति से जमीन देने को राजी हो जाए. नया नोएडा को दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (DNGIR) नाम दिया गया है.
उम्मीद जताई जा रही है कि नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में अधिग्रहण के लिए मुआवजे की दरों (Compensation rates) को तय करते हुए प्रस्ताव रखा जाएगा. यह निवेश क्षेत्र प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसमें बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जानी हैं. यहां पर 87 गांवों की करीब 21 हजार हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. जमीन का अधिग्रहण (Land acquisition) ही अधिकारियों के लिए पहली और बड़ी परीक्षा मानी जा रही है.
इसके लिए अधिकारी प्रयास में है कि गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर और गाजियाबाद तीनों ही जिलों के किसानों से बिना किसी विवाद के जमीन मिल सके. वर्तमान में अधिग्रहण को लेकर जहां हजारों मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित चल रहे हैं, वहीं किसान लगातार धरने प्रदर्शन भी करते रहते हैं.
ऐसे में अधिकारी नहीं चाहते कि नया नोएडा (New Noida City Project) बसाने के लिए भूमि अधिग्रहण में किसान किसी तरह का विवाद करें. किसानों के मुआवजे की दर तय करने के लिए बुलंदशहर विकास प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) तथा गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद जिले के प्राधिकरण तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ भी नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठकें हुई हैं और इन स्थानों से जमीनों के सर्किल रेट भी लिए गए हैं. मुआवजे की तय दरों को नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में रखा जाएगा. बोर्ड से जो दरें तय होंगी, उन पर किसानों से जमीन ली जाएगी. जमीन अधिग्रहण की शुरुआत सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र के पास जोखाबाद और सांवली गांव के सामने से करने की तैयारी है.
किसानों से समझाइश का दौर जारी, सहमति से जमीन लेने के प्रयास
अधिकारियों की तरफ से प्रयास रहेगा कि किसानों से आपसी सहमति के आधार पर ही जमीन ली जाए. प्राधिकरण की कोशिश है कि किसानों से सहमति के बाद उन्हें मुआवजे के साथ ही पांच प्रतिशत विकसित भूखंड का आवंटन पत्र भी दिया जाए. गांव की आबादी और विकसित सेक्टरों के बीच सीमा विवाद का स्थायी हल करने के लिए आबादी भी निस्तारित कर दी जाएगी, जिसमें अधिग्रहित जमीन से 100 से 200 मीटर जगह को गांव की पेरिफेरल रोड बनाने के लिए पहले से छोड़ी जाएगी.
नोएडा की तर्ज पर मुआवाजे की मांग
मुआवजा राशि तय करना भी प्राधिकरण के अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती है. सिकंदराबाद के इलाके के इन गांवों में 800 से लेकर 1700 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक मुआवजा राशि है, जबकि नोएडा में यह राशि 5400 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक है. यहां के किसान नोएडा के बराबर मुआवजा राशि दिए जाने की मांग कर रहे हैं, जिसके लिए प्राधिकरण तैयार नहीं है. प्राधिकरण अफसरों का कहना है कि नोएडा शहर विकसित हो चुका है. इस वजह से यहां अधिक मुआवजा राशि है. यहां के बराबर मुआवजा राशि दिया जाना संभव नहीं हैं. ऐसे में मुआवजा राशि को लेकर सहमति बनना कठिन होगा.
चार जोन में बसेगा शहर
नए नोएडा के मास्टर प्लान (New Noida Master Plan) के तहत, पूरा शहर एक साथ बसाने के बजाए इसे अलग-अलग चार जोन में बांटकर बसाया जाएगा. विशेष निवेश क्षेत्र (Special investment area) करीब 210 वर्ग किलोमीटर में बसाया जाएगा. दादरी और बुलंदशहर के 87 गांवों की जमीन पर नया नोएडा बनना है. प्रत्येक जोन में अलग-अलग इंडस्ट्री का हब(Industry hub) होगा. इसके बाद वर्ष 2041 तक पूरा नया नोएडा शहर बसा दिया जाएग. अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि नए नोएडा में शिक्षा के लिए काफी बड़े स्तर पर जमीन का आवंटन किया जाएगा. ऐसे में यहां बसने वाले लोगों को शिक्षा पाने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा. उच्च शिक्षा के लिए कॉलेजों को जमीन देने को 1 हजार 662 हेक्टेयर जमीन को रिजर्व किया गया है.
3 तरह की सड़कों का होगा निर्माण
नया नोएडा शहर में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए 3 तरह की सड़कों का जाल बिछाया जाएगा. कॉलेज को इंडस्ट्री को जोड़ने के लिए DNGIR में तीन प्रकार की सड़कों को बनाया जाएगा. पहली आर्टियल रोड ये 40.68 किलोमीटर लंबी बनाई जाएंगी. दूसरी सब आर्टियल रोड 98.34 किलोमीटर और तीसरी सेक्टर रोड 126.09 किमी की होंगी. सड़कों का यह नेटवर्क नए नोएडा के बीच से निकलने वाली करीब 130 मीटर चौड़ी ग्रिड रोड से जुड़ेगा. यह रोड दादरी से शुरू होकर खुर्जा की तरफ जाएगी.
भू-अधिग्रहण बड़ी चुनौती
- तीन जिलों के 87 गांवों के किसानों को संतुष्ट कर 21 हजार हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है
- नोएडा प्राधिकरण पर है नए निवेश क्षेत्र को विकसित करने की जिम्मेदारी
- अधिग्रहण के लिए पहला प्रस्ताव आयेगा नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में, तैयार करने में जुटे तीन जिलों के अधिकारी
- 21 हजार हेक्टेयर में बसाना है
नया नोएडा 209.11 वर्ग किलोमीटर में यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में बसाया जाएगा. इस मास्टर प्लान को चार फेज में पूरा किया जाएगा. वर्ष 2023-27 तक 3165 हेक्टेयर को विकसित किए जाने का लक्ष्य तय है. इसी तरह 2027 से 2032 तक 3798 हेक्टेयर एरिया को विकसित किया जाएगा. इसके बाद 2032-37 तक 5908 हेक्टेयर और अंत में 2037-41 तक 8230 हेक्टेयर जमीन को विकसित करने की योजना प्राधिकरण ने तैयार की है.
विस्थापित होंगें लाखों लोग
इसके अलावा कॉमर्शियल, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल, फैसिलिटी / यूटिलिटी, वाटर बॉडी, ट्रैफिक और ट्रांसपोटेशन भी यहां होगा. इसकी कुल आबादी छह लाख मानी जा रही है. इसमें 3.5 लाख की आबादी विस्थापित होगी. इनके लिए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी प्रकार की यूनिट बनाई जाएंगी. इसके अलावा कुल रेजिडेंस एशल एरिया 2 हजार हेक्टेयर से ज्यादा होगा.
नोएडा प्राधिकरण के जिम्मे पूरा निर्माण
उत्तरप्रदेश सरकार ने 29 अगस्त 2017 में विशेष निवेश क्षेत्र गठित किया गया था, जिसको डीएनजीआईआर नाम दिया गया. शुरू में इसकी जिम्मेदारी यूपीसीडा को दी थी लेकिन बाद में आंशिक संशोधन किया गया. शासन ने 29 जनवरी 2021 को इस नए क्षेत्र को बसाने का जिम्मा नोएडा प्राधिकरण को दिया था.