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animal diet: पशुओं को खिलाएं ये बैलेंस डाइट, दूध उत्पादन में होगी बढ़ोतरी

animal diet Plan: डेयरी या पशु रखने वाले लोगों की अक्सर ये शिकायत होती है कि अच्छा खाना खिलाने के बाद भी उनके पशु दूध सही से नही देते है। चारा एक्सपर्ट के मुताबिक इंसानों की तरह पशुओं को भी सुबह से शाम तक कर्बोहाइड्रेड, प्रोटीन और दूसरे मिनरल्स की जरूरत उतनी ही होती है जितनी एक इंसान को होती है। आइए नीचे खबर में जानते है दूध की मात्रा पढ़ाने के लिए पशुओं की क्या है बैलेंस डाइट। 
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animal diet: पशुओं को खिलाएं ये बैलेंस डाइट, दूध उत्पादन में होगी बढ़ोतरी
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animal diet Tips: अक्सर आपने सुना होगा की पशुओं को अच्छा डाइट यानि संतुलित आहार देने के बाद दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होती है लेकिन सही से जानकारी न मिलने पर हम ऐसा नही कर पाते है। वहीं कई बार दिमाग में ये ख्याल आता है कि आखि‍र बैलेंस डाइट होती क्या है, किसे बैलेंस डाइट बोला जाता है. अगर एक पशुपालक अपने पशुओं को खि‍लाना चाहे तो कैसे दिनभर बैलेंस डाइट खि‍लाई जा सकती है. हालांकि ये कोई मुश्कि़ल काम नहीं है, लेकिन जिस तरह से हरे चारे की कमी महसूस की जा रही है उस हिसाब से एक्सपर्ट के मुताबिक चारा उत्पादन करना बहुत जरूरी है. 


जानिए पशुओं के लिए कौन सा चारा रहता है सही?

चारा एक्सपर्ट के मुताबिक हमेशा से चारा उत्पादन के दौरान इस बात का ख्याल रखना है कि किस चारा फसल के साथ कौनसी फसल लगानी है. साथ किन दो फसलों के बीच कितना अंतर रखना है. किस हरे चारे के साथ कौनसा हरा चारा मिलाकर खिलाया जाए सिर्फ इस बात का ख्याल रखने से ही बैलेंस डाइट तैयार हो जाती है. 

जानिए दूध उत्पादन के लिए क्या है पशुओं का डाइट प्लान?

चारा एक्सपर्ट डॉ. वीके वर्मा का कहना है कि नेपियर घास बहुवर्षिय चारे में शामिल है. बहुवर्षिय चारा वो होता है जो एक बार लगाने के बाद लम्बे वक्त तक फसल देता है. अगर आप एक बार नेपियर घास लगाते हैं तो उससे पांच साल तक लगातार हरा चारा ले सकते हैं. लेकिन एनीमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशुओं को सिर्फ एक ही तरह के हरे चारे पर नहीं रखा जा सकता है. जैसे अगर पशु को नेपियर घास दे रहे हैं तो उसके साथ दलहनी चारा भी मिला लें. सितम्बर में नेपियर घास के साथ लोबिया उगाया जा सकता है. क्योंकि नेपियर घास में कर्बोहाइड्रेट होता है तो लोबिया में प्रोटीन और दूसरे मिनरल्स शामिल होते हैं. 


ये खुराक देने के बाद पशुओं के दूध उत्पादन में होगी बढ़ोतरी

एक्सपर्ट का कहना है कि दूध और मीट के लिए पाले जा रहे भेड़-बकरी और गाय-भैंस के लिए इसी तरह की खुराक की जरूरत होती है. चारा एक्सपर्ट के मुताबिक नेपियर के साथ सीजन के हिसाब से दूसरा हरा चारा बदल-बदल के लगाया जा सकता है. एक्सपर्ट का दावा है कि इस तरह की खुराक खाने के बाद पशु से दूध ज्यादा मिलता है और वजन में बढ़ोतरी के साथ-साथ मीट का स्वाद भी बढ़ता है. 

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