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UP Employees: यूपी के इन कर्मचारियों को देना होगा चल और अचल संपत्ति का ब्योरा, रूक जाएगा वेतन

Agro Haryana News: (UP Karmchari) मानव संपदा पार्टल में अपनी संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले यूपी के कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है। जानकारी के अनुसार ऐसे कर्मचारियों को मार्च में सैलरी नहीं मिलेगी। मीडिया को जानकारी देते हुए यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आदेशानुसार सभी कर्मचारियों को को  28 फरवरी तक तक सभी कर्मचारियों को मानव संपदा पार्टल में अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना है। ऐसा न करने पर आदेशानुसार इन कर्मचारियों का मार्च महीने का वेतन रोक दिया जाएगा। 

जानकारी के लिए बता दें कि यूपी सरकार की ओर से आदेश पारित किए गए थे कि यूपी के सभी कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2024 को ही अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्योरा देना है। जिसके बाद सरकार द्वारा बार बार इस तिथि को आगे बढ़ाया गया।

जानकारी के अनुसार जनवरी और फरवरी महीने के पहले सप्ताह में यह तिथि दो बार बढ़ाई जा चुकी है। नए आदेश के अनुसार 28 फरवरी तक तक सभी कर्मचारियों को मानव संपदा पार्टल में अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना है। ऐसा न करने पर आदेशानुसार इन कर्मचारियों का मार्च महीने का वेतन रोक दिया जाएगा। 

सख्त दिखाई दिए सीएम योगी

कर्मचारियों को निर्देश देते हुए सीएम योगी की ओर से कहा गया है कि सर्विस बुक को मानव संपदा पोर्टल पर ई-सर्विस बुक के रूप में परिवर्तित करते हुए सभी तरह के अवकाश और एसीपी आदि संबंधी कार्य भी 1 जनवरी 2024 से मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ही किए जाएं। सरकार द्वारा ब्योरा जमा करने की तारीख को कही बार बढ़ाया गया है लेकिन कर्मचारी अपना काम नहीं कर रहे है। जिसके चलते 28 फरवरी तक अपना ब्यौरा जमा न करने वाले कर्मचारियों का वेतन रोक दिया जाएगा। 

जानिए क्या होती है चल संपत्ति

चल संपत्ति वह होती है जो जगह बदल सकती है, जैसे गाड़ी, गहने या फर्नीचर। यह अचल संपत्ति से अलग है, जो स्थिर रहती है, मसलन जमीन या मकान। मेरे हिसाब से, चल संपत्ति का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे आसानी से ले जाया या बेचा जा सकता है। लेकिन इसका नुकसान? चोरी का डर! कानून में भी इसे अलग से देखा जाता है, ताकि मालिकाना हक साफ रहे। बस इतना ही, आसान और काम की बात!

जानिए क्या होती है अचल संपत्ति

अचल संपत्ति वह होती है जो हिलाई-डुलाई नहीं जा सकती, जैसे जमीन, मकान या कोई स्थायी इमारत। मेरे ख्याल से, इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह सुरक्षित निवेश मानी जाती है—वक्त के साथ कीमत बढ़ती है। पर मुश्किल यह है कि इसे बेचना या खरीदना आसान नहीं, समय और कागजी काम ज्यादा लगता है। कानून में भी इसकी सख्त परिभाषा है, ताकि मालिकाना हक को लेकर झगड़ा न हो। सीधी बात, लंबे वक्त की पूंजी!

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