
Agro Haryana, नई दिल्ली: कुछ ही दिन पहले की बात है, जब टमाटर की आसमान छूती कीमतों से आम जनता बेहाल थी और किसानों ने काफी मुनाफा कमाया था. हालांकि महज एक महीने के अंदर टमाटर की कीमतें 200 रुपये प्रति किलो से गिरकर 3 से 5 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है.
स्थिति ऐसी है कि महाराष्ट्र में किसान या तो टमाटर के उत्पादन (tomato production) को छोड़ने या फिर अपनी फसलों को नष्ट करने के लिए मजबूर हैं.
टमाटर की बंपर उत्पादन के बाद इसके दाम में भारी गिरावट से किसान काफी परेशान हैं. पुणे के बाजार में टमाटर की कीमत (tomato price) 5 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है.
नासिक के पिंपलगांव, नासिक और लासलगांव की तीन थोक मंडियों में टमाटर की औसत थोक कीमतें पिछले छह हफ्तों में 2,000 रुपए प्रति क्रेट (20 किलोग्राम) से गिरकर 90 रुपए हो गई हैं. कोल्हापुर में, टमाटर खुदरा बाजारों में 2-3 रुपए प्रति किलो पर बेचा जा रहा है, जो लगभग एक महीने पहले 220 रुपए के आसपास था.
क्या कहते हैं किसान?
नासिक के कृषि कार्यकर्ता सचिन होलकर ने कहा, ‘इस तरह के बाजार में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए टमाटर और प्याज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ही एकमात्र रास्ता है.’ उन्होंने बताया कि एक एकड़ भूमि में टमाटर की खेती (tomato farming) के लिए किसान को 2 लाख तक की पूंजी की जरूरत होती है, लेकिन बाजार की स्थिति है कि किसान औने-पौने भाव पर बेचने को मजबूर हैं. किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है.
कृषि विभाग का अकड़ा क्या कहता है?
राज्य के कृषि विभाग ने आकड़ा उपलब्ध किया था कि नासिक जिले में टमाटर का औसत रकबा लगभग 17,000 हेक्टेयर है, जिसमें 6 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन होता था. इस साल टमाटर के भाव में अचानक वृद्धि से किसानों को अप्रत्याशित लाभ मिला था, जिसकी वजह से इस साल टमाटर की खेती दोगुनी होकर 35,000 हेक्टेयर हो गई, जिसका अनुमानित उत्पादन 12.17 लाख मीट्रिक टन है. सरकारी आंकड़ा के अनुसार पुणे जिला के एक बाजार में टमाटर की कीमतें 3,200 रुपए प्रति क्रेट तक पहुंच गई थी.