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Rajasthan के 23 से ज्यादा जिलों में 160 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन, जल्द मिलेगी खुशखबरी

Agro Haryana: (Rajasthan Railway News) राजस्थान के रेल यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। राजस्थान रेलवे की ओर से रेल यात्रियों को बेहतर सुविधा देने की दिशा में काम किया जा रहा है। जिसके चलते राजस्थान के प्रमुख ट्रैक पर फेंसिंग का काम किया जा रहा है।

जिसके बाद राजस्थान के इन जिलों में 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलती दिखाई देगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ 5 से 6 फीट ऊंची फेंसिंग की जा रही है ताकि ट्रैक को पहले से ज्यादा सुरक्षित किया जा सके। जानकारी के अनुसार बता दें कि अभी तक 500 किमी ट्रैक पर फेंसिंग का काम पूरा किया जा चुका है। 

राजस्थान के इन रेलवे ट्रैक पर किया जा रहा है फेंसिंग का काम

रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधा देने की दिशा में काम करते हुए रेलवे राजस्थान के प्रमुख ट्रैकों पर फेंसिंग का काम कर रहा है। जिसके तहत जयपुर-दिल्ली, जयपुर-जोधपुर, जयपुर-उदयपुर और जयपुर-पालनपुर-अहमदाबाद रेल मार्गों पर फेंसिंग का काम हो रहा है।

उन्होंने बताया कि फेंसिंग का काम पूरा होने के बाद इन ट्रैकों पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ती दिखाई देगी। इससे न केवल ट्रेनों की गति बढ़ेगी, बल्कि आवारा जानवरों और संदिग्ध वस्तुओं के कारण होने वाले हादसे भी कम होंगे.

राजस्थान में इन ट्रैकों पर 160 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन

जानकारी देते हुए रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने बताया कि इस कदम से दिल्ली-जयपुर जैसे मार्गों पर यात्रा का समय भी कम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि हॉल में इन ट्रैकों पर ट्रेन की अधिकतम गति 130 किमी प्रति घंटा है लेकिन फेंसिंग का काम पूरा होने के बाद इन ट्रेकों पर ट्रेनों की गति 160 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी। 

यात्रियों का सफर होगा सुरक्षित 

जानकारी देते हुए रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने बताया कि रेलवे की इस पहल से न केवल ट्रेनों की गति बढ़ेगी, बल्कि यात्री सफर भी पहले से ज्यादा सुरक्षित और आरामदायक होगा. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से उन्हें रेलवे ट्रैक पर संदिग्ध सामान जैसे सीमेंट के ब्लॉक और गैस सिलेंडर मिलने की शिकायत मिली थी। ऐेसे में ट्रैक पर फेंसिंग का काम पूरा होने के बाद ऐसे सामानों को ट्रैक पर रखना थोड़ा मुश्किल होगा। 

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