
कितना होगा खर्चा
आरटीओ की ओर से अपने नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया गया है। जिसके चलते अब आप आसानी से नए वाहन पर पुराने नंबर को ले सकते है। नियमों के तहत आरटीओ की ओर से नई गाड़ी पर पुराने नंबर लेने के लिए अलग अलग फीस रखी गई है। नियमों के तहत गोल्डन और सिल्वर नंबर लेने के लिए 40,000 से 80,000 रुपये तक की फीस तय की गई है.
90 दिनों के भीतर आवेदन करना जरूरी है, अन्यथा यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। जानकारी के लिए बता दें कि इसके लिए ROR फॉर्म भरकर RTO में जमा करना होगा. मीडिया को जानकारी देते हुए भागीरथ डाका ने बताया कि टू-व्हीलर का नंबर सिर्फ टू-व्हीलर पर और फोर-व्हीलर का नंबर फोर-व्हीलर पर ही मिलेगा.
क्या नए वाहन पर पुराने वाहन का नंबर ले सकते है।
आरटीओ के नए नियमों के तहत अब आप अपने नए वाहन के लिए पुराना नंबर उपयोग कर सकते है। इसके लिए आपको RTO कार्यालय में ROR नामक एक फॉर्म भरकर आवेदन करना होगा. इसमें आपको RC बुक, PUC, इंश्योरेंस जैसे वाहन से संबंधित आवश्यक दस्तावेजों के साथ फॉर्म भरकर RTO कार्यालय में जमा करना होगा. जानकारी के लिए बता दें कि टू-व्हीलर का नंबर सिर्फ टू-व्हीलर पर और फोर-व्हीलर का नंबर फोर-व्हीलर पर ही मिलेगा.
वाहन बेचने पर पर नए वाहन पर पुराना नंबर कैसे मिलेगा?
नियमों के अनुसार अगर आपने पुराना वाहन बेच दिया है, तो भी आप ROR फॉर्म भरकर पुराना नंबर ले सकते हैं, लेकिन ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिसने वाहन खरीदा है उसे कौन सा नंबर मिलेगा? वाहन खरीदने वाले को रैंडमली नंबर चाहिए तो उसे RTO द्वारा रैंडम नंबर दिया जाएगा. या फिर वह फर्स्ट कम फर्स्ट चॉइस नंबर भी ले सकता है.
नई गाड़ी पर पुराने नंबर लेने में कितना आएगा खर्च?
नई गाड़ी पर पुराना नंबर लेने वालों के लिए आरटीओ ने नए नियम जारी कर दिए है। जिसके तहत अगर आपके पास सिल्वर और गोल्डन नंबर का वाहन है और आप नया वाहन खरीदना चाहते हैं, तो आप सरकार के नियमों के अनुसार फीस भरकर पुराना नंबर ले सकते हैं.
अगर आप 0 से 30 दिनों में गोल्डन या सिल्वर नंबर लेना चाहते हैं, तो इसकी फीस रु. 40,000 है. 30 से 60 दिनों के अंदर नंबर लेना चाहते हैं तो रु. 60,000 फीस है. 60 से 90 दिनों में नंबर लेना चाहते हैं तो रु. 80,000 फीस है. 90 दिनों के बाद आप कोई भी पुराना नंबर लेने का दावा नहीं कर सकते.