
Agro Haryana News: (Rajasthan Railway Network): राजस्थान में बढ़ रहे यात्री भार और छोटे कस्बों और शहरों में नए रेलवे स्टेशन (New Railway Station) बनाने और दूर-दराज की जगहों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के मकसद से रेलवे सरकार ने राजस्थान मे 30 नई रेलवे लाइन बिछाने का फैसला लिया है। जिसके चलते फिलहाल 15 नए रेलवे रूट का सर्वे का काम पूरा हो चुका है। जिसके बाद अधिकारियों को 15 अन्य रूट पर सर्वे का काम पूरा करने के निर्देश दिए गए है। सर्वे का काम पूरा होने के बाद राजस्थान में नए रेलवे स्टेशन देखने को मिलेंगे।
पिछले साल के मुकाबले 28 फीसदी ज्यादा मिला बजट
राजस्थान के छोटे कस्बों और शहरों में नए रेलवे स्टेशन (New Railway Station) बनाने और दूर-दराज की जगहों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के मकसद से रेलवे सरकार ने इस बार पिछले साल के मुकाबले 28 फीसदी ज्यादा बजट दिया है। इस बार बढ़े हुए बजट से राजस्थान में नई रेलवे लाइन बिछाने का काम किया जाएगा. इससे दूर दराज के क्षेत्रों में भी ट्रेन की सुविधा मिल सकेगी. उत्तर पश्चिम रेलवे के निर्माण विभाग ने जयपुर से सवाईमाधोपुर, अजमेर से चित्तौड़गढ़ और लूणी-भीलड़ी-समदड़ी के बीच डबलिंग की डीपीआर रेलवे बोर्ड को भेज दी है.
राजस्थान के 8 स्टेशनों पर बनेगा बाइपास रूट
राजस्थान में जल्द ही लोगों को छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों में नई रेलवे लाइन देखने को मिलेगी। बजट के बाद नई रेलवे लाइन को लेकर सर्वे का काम आधा पूरा चुका है। जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान में नई रेलवे लाइन प्रोजेक्ट में सबसे महत्वपूर्ण जयपुर-सवाईमाधोपुर के बीच डबलिंग है. क्योंकि इसके पूरा होते ही दिल्ली से मुंबई वाया जयपुर ट्रंक रूट पर कंजेशन कम हो जाएगा. वहीं जयपुर से मुंबई तक ट्रैक डबल होने से ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी भी बढ़ जाएगी. इन लाइनों को बिछाने के दौरान राजस्थान के 8 स्टेशनों पर बाइपास रूट भी बनेगा.
इन रूटों पर हुआ है सर्वे का काम
जानकारी देते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि रेलवे ने फिलहाल जिन नए मार्गों का सर्वे किया है उनमें रास-मेड़ता सिटी नई लाइन/46.60 किमी, मेड़ता रोड-बीकानेर डबलिंग/172 किमी, भटिंडा-हनुमानगढ़-सूरतगढ़-बीकानेर डबलिंग/323.90 किमी, लालगढ़-फलोदी-जैसलमेर/313.95 किमी, पुष्कर-मेड़ता रोड़/59 किमी, नारनौल-फुलेरा/163.57 किमी, केरला-मारवाड़ जंक्शन/45.54 किमी और रेवाड़ी-सादुलपुर/141.28 किमी शामिल हैं.
इन रूट पर हो गया सर्वे का काम पूरा
जानकारी देते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि रेलवे द्वारा जिन रूट पर सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है उनमें देवगढ़ मंडारिया-बर/92.30 किमी, बवानीखेड़ा-हंसी-हिसार/42 किमी, मारवाड़ बाईपास/10 किमी, सरमथुरा-गंगापुर सिटी नई लाइन/75.64 किमी, लूणी-केरला/39.96 किमी, रींगस-खाटू श्यामजी नई लाइन/16 किमी और रामदेवरा-पोकरण वाया भैरव गुफा-कैलाश टेकरी/14 किमी शामिल है.
बीकानेर और उदयपुर के बीच बढ़ेगी कनेक्टिविटी
उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया नई रेल लाइन बिछ जाने के बाद बीकानेर और उदयपुर के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि पुष्कर-मेड़ता नई लाइन की डीपीआर को भी जून तक भेज दिया जाएगा. इस रेललाइन के बन जाने से पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर और ख्वाजा की दरगाह सीधे रेल लाइन के जरिए जोधपुर और बीकानेर से जुड़ जाएंगे. बीकानेर सीधे उदयपुर से जुड़ जाएगा. इसकी अनुमानित लागत करीब 450 करोड़ है. सब कुछ समय पर हुआ तो करौली स्टेशन भी बनाया जाना संभव है.