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New Airport In Rajasthan: 2027 तक राजस्थान के इस शहर में तैयार हो जाएगा नया एयरपोर्ट, निर्माण कार्य ने पकड़ी रफ्तार

Agro Haryana Desk, New Airport In Rajasthan: राजस्थान के कोटा शहर में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के काम ने रफ्तार पकड़ी है जिस वजह से वर्ष 2027 तक कोटा शहर हवाई सेवा से जुड़ पाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने कोटा में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण कार्य के लिए 467.67 करोड़ का पहले चरण का टेंडर जारी कर दिया है.

इस बजट से रन-वे, एप्रन व लाइट्स जैसे काम होंगे. इस टेंडर को जारी किए जाने के बाद यह तय किया गया है कि 90 दिनों के भीतर टेंडर की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. इसके बाद दो वर्ष के भीतर काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. 

इस टेंडर को लेकर 7 फरवरी को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रमुख कार्यालय में प्री बिड बैठक आयोजित हुई. टेंडर में जारी नियमावली के तहत, 7 फरवरी की सुबह से डॉक्यूमेंट डाउनलोड किए जा सकेंगे. इनकी बिक्री 11 अप्रैल तक होगी. 

 

दिसंबर 2027 तक शुरू हो जाएगी उड़ान सेवाएं
 

संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कार्यालय में 7 फरवरी गुरुवार दोपहर 2 बजे केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने उनसे मुलाकात की. उन्होंने बिरला को कोटा एयरपोर्ट को लेकर अपडेट दिया. बिरला ने उन्हें शीघ्र टेंडर जारी करवाने को कहा, जिसके बाद शाम होते-होते एएआई ने टेंडर जारी कर दिया. इस दौरान स्पीकर के ओएसडी राजीव दत्ता व एयरपोर्ट अथॉरिटी के मेंबर (ऑपरेशन) शरदकुमार भी मौजूद थे.

मंत्री नायडू ने बिरला को बताया कि 3 माह में टेंडर से संबंधित सभी प्रक्रियाएं पूरी कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा. दिसंबर 2027 तक निर्माण पूरा कर विमान सेवा शुरू हो जाएंगी. अन्य एजेंसियों ने भी सड़क और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं पर काम शुरू कर दिया है.

कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पर अन्य एजेंसियों से जुड़े कार्य समानांतर चल रहे हैं. कोटा विकास प्राधिकरण ने मौके पर एप्रोच रोड बनाने का काम शुरू कर दिया है, ड्रेनेज के लिए केडीए स्तर से डीपीआर बनवाई जा रही है, पेयजल पाइप लाइन पहुंचाने के लिए जलदाय विभाग के स्तर पर प्रक्रिया चल रही है.
 

 

 

एयरपोर्ट में 2 साल हुई देरी

राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हवाई अड्डे संबंधी विभिन्न प्रक्रियाओं में अड़चने आईं. इस कारण इसका काम करीब दो साल विलंब से शुरू होगा. तब दिल्ली और राज्य में अलग-अलग दलों की सरकारें थीं. इस लिए सरकारों के स्तर पर प्रक्रियागत परेशानी हुई.

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