
Agro Haryana News: (india tradition) भारत हमेशा से ही रीति रिवाज और परंपराओं वाला देश रहा है। यहां हर राज्य में आपको अलग अगल रीति रिवाज और परंपरा देखने को मिलते है। भारत के कई गांवों की परंपरा सुनकर तो आपको बेहद हैरानी होगी। ऐसी ही एक परंपरा (Pinni Village Tradition) हिमाचल प्रदेश के पिणी गांव की भी है।
जानकारी के लिए बता दें कि हिमाचल प्रदेश के हिमालय की गोद में बसे इस गांव को प्राकृतिक सुंदरता और अनूठी परंपराओं (unique Indian rituals) के लिए जाना जाता है। इस गांव की एक ऐसी परंपरा है जिसे जानकार आपको बेहद हैरानी होगी। इस परंपरा को सुनकर अक्सर लोग चौंक चाते है।
जानकारी के लिए बता दें कि हिमाचल प्रदेश के पिणी गांव कि महिलाएं सावन के महीने में पांच दिन तक कपड़े नहीं पहनती है। मीडिया को जानकारी देते हुए गांव वालों ने बताया कि इस गांव की ये परंपरा सालों से चली आ रही है। जिसका लोग आज भी पालन करते है। आइए नीचे खबर में जानते है परंपरा के पीछे की कहानी
क्या है पिणी गांव की परंपरा?
मीडिया को जानकारी देते हुए गांव वालों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के पिणी गांव में सावन के महीने में महिलाएं पांच दिन तक कपड़े नहीं पहनती है। परंपरा के अनुसार सावन के इन दिनों में गांव की महिलाएं ऊन से बने एक पटके को धारण करके अपने शरीर को ढकती है।
ग्रामीणों के अनुसार पिणी गांव में इस परंपरा को काफी पवित्र माना जाता है। परंपरा के पीछे की कहानी बताते हुए गांव वालों ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि गांव में जो महिला इस परंपरा का पालन नहीं करेगी उसके घर में अनहोनी हो जाती है। जिसके चलते गांव की महिलाएं आज भी इस परंपरा का पालन कर रही है।
क्या है परंपरा के पीछे की कहानी
मीडिया को जानकारी देते हुए ग्रामीणों ने बताया कि प्राचीन कहानी के अनुसार प्राचीन समय में इस गांव में एक राक्षस का आतंक था। यह राक्षस सजी-धजी महिलाओं को उठाकर ले जाता था। इससे परेशान होकर गांववालों ने देवता से प्रार्थना की। देवता ने राक्षस का वध किया और गांव को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई। तभी से यह परंपरा शुरू हुई कि सावन के महीने में पांच दिनों तक महिलाएं कपड़े नहीं पहनेंगी, ताकि किसी बुरी शक्ति का आकर्षण न हो। जिसके चलते इस गांव में लंबे समय से यह परंपरा चली आ रही है।
गांव के मर्दो के लिए बने है खास नियम
हिमाचल प्रदेश के हिमालय की गोद में बसे पिणी गांव में महिलाओं के अलावा मर्दो के लिए भी खास नियम बनाए गए है। जिसके अनुसार सावन के इन 5 दिनों में गांव के मर्द मांस-मछली नहीं खा सकते और न ही शराब पी सकते हैं। परंपरा के अनुसार गांव के लोग इस त्योहार को बेहद पवित्र मानते हैं, इसलिए इन पांच दिनों में किसी बाहरी व्यक्ति का गांव में प्रवेश वर्जित है। यह नियम गांव की शांति और पवित्रता को बनाए रखने के लिए बनाया गया है।