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Income Tax New Bill: देर से आईटीआर फ़ाइल करने वाले हो जाएं सावधान, आयकर विभाग ने जारी की नई गाइडलाइन

लोग इस कानून में संसोधन की मांग करते हुए सख्त प्रावधानों को हटाने की बात कह रहे है. इस मामले को गंभीर होता देख इनकम टैक्स विभाग ने अपना पक्ष रखते हुए गाइडलाइन को स्पष्ट किया है. 

इस लिए उठा नए इनकम टैक्स कानून पर सवाल

नए इनकम टैक्स बिल 2025 के क्लॉज 263(1)(a)(ix) में कहा गया है कि यदि कोई करदाता  रिफंड क्लेम करना चाहता है, तो उसे निश्चित समयसीमा के भीतर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करना होगा. यह प्रावधान मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट 1961 से काफी अलग है, जिसमें 31 दिसंबर तक बिलेटेड (देर से भरा गया) रिटर्न फाइल करने पर भी टैक्सपेयर्स रिफंड क्लेम कर सकते हैं.

इसके अलावा, नए इनकम टैक्स बिल (New Income Tax Bill 2025) के क्लॉज 433 में कहा गया है कि टैक्सपेयर केवल रिटर्न फाइल करते समय ही रिफंड क्लेम कर सकते हैं. इससे यह आशंका और बढ़ गई कि अगर किसी टैक्सपेयर ने तय समयसीमा के बाद ITR फाइल किया, तो वह टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) क्लेम नहीं कर पाएगा, भले ही उसका टीडीएस (TDS) या टैक्स किसी वजह से ज्यादा कट गया हो.

जानिए क्या है नए इनकम टैक्स रिटर्न के नियम

इनकम टैक्स रिफंड विवाद पर इनकम टैक्स विभाग ने दी सफाई

इनकम टैक्स रिफंड से जुड़ी आशंकाओं को दूर करने के लिए आयकर विभाग ने अपनी तरफ से सफाई दी है. इसमें विभाग ने साफ किया है कि नए टैक्स बिल के लागू होने पर भी इनकम टैक्स रिफंड के नियमों (Income Tax Refund Rules 2025) में कोई बदलाव नहीं होने वाला है. एक टैक्स एक्सपर्ट की तरफ से पूछे गए सवाल पर सोशल मीडिया के जरिये रिप्लाई करते हुए विभाग ने कहा कि नए इनकम टैक्स बिल के सेक्शन 263(1)(ix) में पहले से मौजूद प्रावधानों को ही जोड़ा गया है. सेक्शन 263 के तहत या सेक्शन 268(1) के नोटिस के जवाब में फाइल किए गए इनकम टैक्स रिटर्न को सेक्शन 270 के तहत प्रोसेस किया जाएगा और अगर कोई रिफंड बनता है तो वह सेक्शन 271(1)(e) के तहत जारी कर दिया जाएगा. 

क्या देरी से इनकम टैक्स भरने वाले करदाता को मिलेगा रिफंड?

आयकर विभाग की तरफ से दिए जवाब का मतलब यही है कि नया इनकम टैक्स बिल लागू होने के बाद भी देर से फाइल किए गए ITR पर टैक्स रिफंड पाने की सुविधा पहले की तरह ही बनी रहेगी. यानी नया इनकम टैक्स बिल (Income Tax New Bill 2025) लागू होने के बाद भी अगर कोई टैक्सपेयर डेडलाइन यानी 31 जुलाई के बाद ITR फाइल करता है, तो भी वह टैक्स रिफंड क्लेम कर पाएगा. इनवैलिड रिटर्न (invalid return) में क्लेम किए गए रिफंड पर भी सेक्शन 239 के तहत रिलीफ मिल सकती है.

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