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UP Temple News: बालाजी के इस मंदिर में भक्तों की हर इच्छा होती है पूरी, चुटकियों में बन जाता है अटका काम

UP Temple News: उत्तरप्रदेश में वैसे तो तमाम मंदिर है और सभी मंदिरों की अलग अलग मान्यताएं है लेकिन  मुजफ्फरनगर में बालाजी धाम मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। मीडिया जानकारी के अनुसार बालाजी के इस मंदिर की स्थापना 1992 में हुई थी।

इतिहास के मुताबिक भक्तों के द्वारा मेहंदीपुर बालाजी से पैदल चलकर अखंड ज्योत लाकर मुजफ्फरनगर के बालाजी धाम मंदिर में विराजमान की गई थी. यहां पर आज भी मेहंदीपुर बालाजी धाम जैसे ही बालाजी महाराज की पूजा की जाती है. लोगों का मानना है बालाजी के इस मंदिर में भक्तों की हर इच्छा पूरी हो जाती है। बालाजी के इस मंदिर में मात्र माथा टेकने से ही आपके साथ दुख दर्द दूर हो जाते है।

मान्यता के चलते  मुजफ्फरनगर के इस बालाजी मंदिर में दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते हैं। मुजफ्फरनगर का ये बालाजी मंदिर नई मंडी भारतीय कॉलोनी में स्थित है. मीडिया को जानकारी देते हुए को जानकारी देते हुए बालाजी मंदिर के संरक्षक सुरेश कुमार बंसल ने बताया इस मंदिर की स्थापना 1992 में हुई थी।

भक्तों के द्वारा मेहंदीपुर बालाजी से पैदल चलकर अखंड ज्योत लाकर मुजफ्फरनगर के बालाजी धाम मंदिर में विराजमान की गई थी. यहां पर आज भी मेहंदीपुर बालाजी धाम जैसे ही बालाजी महाराज की पूजा की जाती है. उन्होंने बताया कि इस मंदिर में माथा टेकने के बाद आपकी हर मुश्किल आसान हो जाती है। 

 क्या है बालाजी मंदिर की मान्यता 

मीडिया को जानकारी देते हुए को जानकारी देते हुए बालाजी मंदिर के संरक्षक सुरेश कुमार बंसल ने बताया इस बालाजी मंदिर की बहुत सी मान्यताएं हैं. इस मंदिर से लाखों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है. मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु बालाजी महाराज के दर्शन करने आते हैं. जो भी भक्त यहां पर सच्चे मन से मन्नत मांगता है. वह मन्नत बालाजी महाराज के द्वारा भक्तों की पूरी की जाती है. उन्होंने बताया कि हनुमान चालीसा की चौपाई “जो सुमिरे हनुमत बलवीरा संकट जटे मिटे सब वीरा” इस मंदिर में बिल्कुल सही साबित होती है। 

दूर भाग जाते है भूत प्रेत

सुरेश कुमार बंसल ने बताया कि जिन व्यक्तियों के ऊपर भूत प्रेत या ऊपरी हवा का साया होता है। उन लोगों को इस मंदिर में आने से पूरा फायदा मिलता है। बालाजी महाराज का जल धूप ग्रहण करने से उस व्यक्ति के ऊपर से सारे संकट दूर चली जाती है. बालाजी मंदिर में बालाजी के साथ-साथ प्रेतराज सरकार, भैरव बाबा, भगवान भोलेनाथ, राधा कृष्ण वह बालाजी महाराज के ठीक सामने श्रीराम सीता जी भी विराजमान है.

 

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