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Cibil score New Update: सिविल स्कोर को लेकर आरबीआई ने जारी किए 5 नए नियम, ग्राहकों को बड़ी राह

जानकारी के लिए बता दें कि ग्राहक के सिबिल स्कोर मेंटेन रखने को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा ग्राहकों के लिए नए नियम जारी किए गए है। जोकि ग्राहकों को सिविल स्कोर सुधारने में काफी मदद करेंगे। ग्राहकों की ओर से लगातार सिविल स्कोर को लेकर मिली रही शिकायतों के निपटान को लेकर आरबीआई द्वारा सिविल स्कोर के नए नियम जारी कर दिए गए है। एक्सपर्ट का मानना है कि आरबीआई द्वारा जारी नए नियमों से बैंकिंग सिस्टम के अलावा बैंकिग कार्य प्रणाली पर भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। 

सिबिल स्कोर का मुख्य योगदान
बैंक से लोन मिलने और ना मिलने की स्थिति में सिबिल स्कोर का मुख्य योगदान होता है।  कई लोग जिनका क्रेडिट रिकॉर्ड खराब (Bad Cibil score) है, उन्हें बैंक से  लोन प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं। अगर क्रेडिट इतिहास अच्छा नहीं हो, तो बैंक से वित्तीय सहायता पाना मुश्किल हो जाता है। वहीं, अच्छा रिकॉर्ड होने पर में बैंक से कम शर्तों ओर कम ब्याज दर पर आसानी से लोन मिल जाता है।

यह समस्या कई व्यक्तियों के लिए चिंता का कारण बनती है। इस परेशानी को हल करने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (reserve bank of india) ने कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों के लागू होने पर लोगों को सिबिल स्कोर सुधारने के साथ ही अपना वित्तीय प्रदर्शन सुधारने में भी मदद मिल सकती है। 

जानिए क्या है सिबिल स्कोर के नए नियम

1. जब भी कोई बैंक किसी ग्राहक की वित्तीय स्थिति की जांच करेगा तो उसे ग्राहक को संदेश या ईमेल के माध्यम से पूरी जारी जानकारी देनी होगी। आरबीआई के अनुसार इससे ग्राहक को वित्तीय रिकॉर्ड की जानकारी मिलने में आसानी होगी। यहीं नहीं दूसरी ओर से बैंक की इस प्रक्रिया से ग्राहक केा यह समझने में आसानी होगी कि उनका वित्तीय प्रर्दशन कैसा है। जिसके चलते ग्राहक भविष्य में कम से कम गलती करेगा।

2. आरबीआई के नए नियमों के अनुसार जब भी बैंक द्वारा किसी ग्राहक के आवेदन को अस्वीकार किए जाने पर ग्राहक को इसके बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। जिससे ग्राहक को अपने आवेदन को फिर से सुधारने और समझने में मदद करती है। आरबीआई के नए नियमों के अनुसार  बैंक या अन्य वित्तीय संगठन को ग्राहक को यह स्पष्ट करना होता है कि आवेदन क्यों रद्द हुआ।

3.आरबीआई के नए नियमों के अनुसार हर वित्तीय संस्था को एक बार साल में अपने उपभोक्ताओं को फ्री में वित्तीय जानकारी प्रदान करनी होगी। आरबीआई के अनुसार इससे उपभोक्ताओं को अपनी वित्तीय स्थिति को समझने और बेहतर निर्णय लेने में सहायता मिलेगी। यह प्रक्रिया पारदर्शिता और सुविधा को बढ़ावा देती है।

4. आरबीआई के नए नियमों के अनुसार समय पर अपनी ईएमआई का भुगतान न करने वाले ग्राहकों को बैंकों की ओर से सीधा डिफॉल्ट की श्रेणी में नहीं डाला जा सकता। नए नियमों के अनुसार बैंक को पहले ग्राहक को इस बारे में पूरी जानकारी देने होगी। बिना बताए किसी को डिफॉल्टर घोषित (bank defaulter reasons) नहीं किया जा सकता है।

5. आरबीआई के नए नियमों के अनुसार ग्राहक की समस्या को बैंकों को जल्दी से जल्दी निपटाना होगा। नियमों के अनुसार अगर बैंक इस समय सीमा के भीतर समस्या का समाधान नहीं करता है तो उसे हर दिन 100 रुपये का जुर्माना (Penalty on Cibil score check) देना होगा।  समाधान करने के लिए लोन देने वाली संस्था को 21 और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का वक्त मिलेगा। 

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