UP निवासियों के लिए राहत भरी खबर, सरकार ने 17 लाख से ज्यादा लोगों के ट्रैफिक चालान किए माफ
UP News: वाहन चालकों के लिए जरूरी खबर। दरअसल यूपी सरकार प्रदेश में 17 लाख से ज्यादा ट्रैफिक चालान माफ करने जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि ये चालान वे होंगे जो 1 अप्रैल 2018 से 31 दिसंबर 2021 के बीच जारी किए गए थे...
Agro Haryana, Digital Desk- नई दिल्ली: यूपी निवासियों के लिए एक राहत भरी खबर है। उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में 17 लाख से ज्यादा ट्रैफिक चालान माफ करने जा रही है। ये चालान वे होंगे जो 1 अप्रैल 2018 से 31 दिसंबर 2021 के बीच जारी किए गए थे।
यानी कि तीन साल की अवधि के दौरान के ये चालान अब रद्द होने जा रहे हैं। यातायात विभाग ने 1 अप्रैल 2018 से 31 दिसंबर 2021 के बीच 17,89,463 चालान जारी किए थे।
यानी कि लगभग 18 लाख चालानों को सरकार ने माफ करने का फैसला किया है। किस क्षेत्र के चालानों को सरकार माफ करने जा रही है, और अगर आपका चालान भी इस अवधि के दौरान लंबित चालानों की सूचि में है, तो चालान भर चुके लोगों का इसका क्या फायदा होगा, ये सभी जानकारी हम आपको दे रहे हैं।
यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार नोएडा क्षेत्र के 18 लाख के लगभग चालानों को माफ करने जा रही है। सरकार से इस कदम के लिए कहा जा रहा है कि इससे आम आदमी, डिलीवरी पर्सन, टैक्सी ड्राइवरों आदि को बड़ा फायदा पहुंचेगा।
हिंदुस्तान के अनुसार, ट्रैफिक अधिकारियों ने बताया कि 1 अप्रैल 2018 से 31 दिसंबर 2021 के बीच के चालान रद्द कर दिए जाएंगे। अब ऐसे में सवाल उठता है कि जो लोग चालान पहले ही भर चुके हैं, उनको क्या फायदा होगा।
चालान भर चुके लोगों के लिए कहा गया है कि जो लोग चालान भर चुके हैं, उनके लिए राशि वापस करने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। यानी कि उन्हें इस कदम से कोई लाभ नहीं मिलने वाला है।
रिपोर्ट के मुताबिक 7 लाख के लगभग लोग चालान पहले ही जमा करवा चुके हैं। हां, लेकिन अगर आपका चालान भी इस अवधि के दौरान हुआ है, और वो लंबित है, तो उसे न भरने की सलाह दी गई है क्योंकि जल्द ही यातायात विभाग इसे ई-पोर्टल से हटा देगा।
ऐसा पहली बार नहीं है कि यूपी सरकार ने ट्रैफिक चालानों को माफ किया हो। इससे पहले भी ऐसा कदम उठाया गया है, जब 2016 के दिसंबर से लेकर 2021 के दिसंबर तक के चालानों को माफ किया गया था। इस दौरान सरकार ने 30 हजार चालानों को रद्द किया था।