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Supreme Court Decision: सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा चलाना अब नहीं होगा आसान, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला  

Supreme Court Decision: अगर आप कर्मचारी है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक सुप्रीम फैसला लिया गया है। जिसके चलते अब सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा चलाना आसान नहीं होगा। तो आइए नीचे खबर में जानते है कोर्ट के इस फैसले के बारे में विस्तार से... 
 

Agro Haryana, Digital Desk-नई दिल्ली: सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराकर अकारण ही दबाव बनाने वालों पर अब सुप्रीम कोर्ट ने शिकंजा कस दिया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते एफआइआर से पहले शासन से अनुमति को अनिवार्य कर दिया गया है। इससे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ निचली अदालतों से 156/3 के तहत मु़कदमा दर्ज करने में कमी आएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने जिलाधिकारी व एसएसपी को पत्र भेजकर निर्देश जारी किये है। एसएसपी अखिलेश चौरसिया ने कहा कि फैसले की प्रति मिलते ही अमल कराया जायेगा।

कर्नाटक के पुलिस कर्मचारी डीटी बैस ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (एसएनवी) दायर की थी। धारा 324, 341, 114, 149, 504, 509 के तहत न्याय माँगा था।

जस्टिस अनिल आर. दबे और जस्टिस कुरियर जोसेफ की डिवीजन ने महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट रूप से कहा कि ज्यादातर मामलों में व्यक्ति विशेष अपनी निजी रंजिश से सरकारी कर्मचारियों पर दवाब के लिए जिला अदालतों में 156/3 के तहत एफआइआर के आदेश करवाकर मु़कदमा करवा देते हैं।

मु़कदमा दर्ज होने के बाद सरकारी कर्मचारी दवाब महसूस करते हैं और न चाहते हुये भी मजबूरी में समझौता कर लेते हैं। सुप्रीम कोर्ट में फैसले में कहा गया कि निचली अदालत में कोई सरकारी कर्मचारी के खिलाफ मु़कदमा दर्ज करवाने के लिए याचिका करता है.

 तो अभियोजन को जिम्मेदारी अपनानी होगी, उन्हें दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत सम्बन्धित कर्मचारी पर मु़कदमा चलाने की अनुमति शासन से लेनी होगी। सुप्रीम कोर्ट से फैसले की प्रति ़िजलाधिकारी व एसएसपी को भेज दी गयीं हैं। गौरतलब है कि इस फैसले से पुलिस कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी।