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Rajasthan Tourism: 65 करोड़ की लागत से राजस्थान के इस शहर में बनेगा धार्मिक पर्यटन केंद्र, बजट में बड़ा ऐलान

Rajasthan Tourism: राजस्थान बजट 2025 बीते बुधवार को सदन में पेश किया गया. इस बजट में पर्यटन को लेकर कई अहम् घोषणाएं हुई है. इस बार बजट में सवाईमाधोपुर जिले में स्थित त्रिवेणी संगम के विकास की घोषणा से जिले में पर्यटन को चार चाँद लग गए है.

 

Agro Haryana News, Rajasthan Tourism: राजस्थान के बजट में इस बार टूरिज्म को बढ़ावा देने को लेकर कई अहम् घोषणाएं हुई है. टूरिज्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण विभिन्न जिलों के विकास हेतु प्रयाप्त बजट जारी किया है. इसी क्रम में राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले को बड़ी सौगात मिली है. 

वित्त मंत्री दिया कुमारी ने इस बार बजट में सवाईमाधोपुर जिले में स्थित त्रिवेणी संगम के विकास की घोषणा ने जिले में वन्यजीव पर्यटन के साथ ही धार्मिक पर्यटन का एक नया विकल्प खोल दिया है।

जिले के त्रिनेत्र गणेश मंदिर का जीर्णोंद्धार, भूरी पहाड़ी को डेजर्ट पर्यटन के रूप में विकसित करने से जिले को नए आयाम मिलेंगेे। रामेश्वर घाट को त्रिवेणी संगम के रूप में विकसित किया जाएगा। इन सबके स्थान के विकास के लिए 65 करोड़ के बजट का ऐलान किया है. ऐसे में यहां पर्यटकों के लिए पर्यटन सर्किट (Tourism circuit) भी बन सकेगा। वहीं धार्मिक आस्था के केन्द्र के रूप में इसका विकास होने से धार्मिक टूरिज्म (Religious tourism) भी बढ़ेगा।


जानकारी के लिए बता दे कि रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान (Ranthambore National Park) से 65 किमी दूर स्थित रामेश्वर धाम क्षेत्र में राजस्थान-मध्यप्रदेश राज्यों का केन्द्र राजस्थान से बहने वाली चम्बल व बनास तथा मध्यप्रदेश से बहने वाली सीप नदियों का संगम होता है। यह त्रिवेणी संगम श्रद्धालुओं व पर्यटकों को आकर्षित करता है।


ऐसे में इस संगम पर अलग से घाट बनने से यहां पर्यटन व धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकेगा। ऐसे में पर्यटन गतिविधियां (Tourism activities) बढ़ेगी। ऐसे में यहां अलग से घाट बनाने व अन्य सुविधा मुहैया करने से रामेश्वरधाम के आकर्षण को चार चांद लगेंगे,वहीं राज्य सरकार वे पर्यटन विभाग को राजस्व भी मिलेगा।


संगम के ठीक सामने स्थित है रामेश्वर मंदिर


संगम स्थल के ठीक सामने चम्बल के रास्ते करीब पांच सौ मीटर से अधिक दूरी पर मध्यप्रदेश राज्य स्थित रामेश्वरधाम मंदिर (Rameshwaradham Temple) है। यहां से श्रद्धालुओं को नाव के रास्ते श्रद्धालुओं व पर्यटकों को आसानी से कनेक्टिवटी मिल सकेगी। ऐसे में परशुराम घाट के समीप गंगा माता के मंदिर त्रिवेणी संगम स्थल (Triveni confluence site) तक सडक़ बनने से श्रद्धालुओं व पर्यटकों की दूरी कम होगी।

दो अलग अलग घाट पर बढ़ सकेगी पर्यटन गतिविधियाँ

यहां रामेश्वरधाम स्थित परशुराम घाट से लेकर त्रिवेणी सगंम तक करीब एक किलोमीटर दूरी है। ऐसे में परशुराम घाट (Parashuram Ghat) का विस्तार कर उसे त्रिवेणी संगम तक बढ़ाया जाने की उम्मीद जागी है। । इस दौरान परशुराम घाट व त्रिवेणी संगम पर दो अलग अलग घाट बनने से धार्मिक व पर्यटन गतिविधियां बढ़ सकेगी। परशुराम घाट से त्रिवेणी संगम के बीच पर्यटकों के बैठने के लिए अलग अलग पार्क विकसित हो सकेंगे। वहीं नाव संचालन के लिए अलग से स्थान बनाए जाने की संभावना है। ताकि नाव में बैठने के दौरान चम्बल नदी में होने वाले हादसों से बचा जा सके।

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