Rajasthan Employees: राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के 4000 करोड़ अटके,वित्तीय अनुशासन में बिगाड़
जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान के कर्मचारी पिछले लंबे समय से वेतन (Salary), पेंशन (Pension), एरियर, टीए डीए (TA DA), जीपीएफ (GPF), सरेंड लीव से लेकर तमाम भुगतानों को लेकर पिछले लंबे समय से इंतजार कर रहे है। आंकड़ों के मुताबिक इन सभी कामों में कर्मचारियों के 4 हजार करोड़ की राशि अटकी है।
जिनमें दो हजार करोड़ रुपए पेंशनर्स (pensioners) और दो हजार करोड़ रुपए कर्मचारियों के अलग अलग भत्तों के है। बकाया भत्तों के भुगतान न होने को लेकर कुछ कर्मचारी सरकार के खिलाफ कोर्ट में चले गए है और कुछ जाने की तैयारी कर रहे है।
जानकारी के लिए बता दें कि जनता की सुविधा बढ़ाने को लेकर सरकार ने तीन दिन में कर्मचारी की टेबल से फाइल के डिस्पोजल होने की बात कही है। ऐसा न होने पर कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं दूसरी ओर से चंद रसूखदार अफसरो के चलते काफी कर्मचारियों को महीनों तक भुगतान नहीं मिल रहा है।
जिसको लेकर कर्मचारी वर्ग सरकार से पलटवार करते हुए कह रहे है कि क्या ये नियम इन अफसरों पर भी लागू होगे। ऐसे में देखने वाली बात यह है कि 9 लाख कर्मचारी और 5 लाख पेंशनर्स की सीएम भजनलाल (Rajasthan CM) से न्याय की उम्मीद है।
कर्मचारियों और पेंशनर्स के 4 हजार करोड़ अटके
राजस्थान समेत तमाम राज्यों में सरकारी कर्मचारियों का आयकर फरवरी तक वेतन (salary) के आधार पर जमा होता है लेकिन इस बार गणित कुछ गड़बड़ा गया है। बहुत से कर्मचारियों को वेतन के अलावा अन्य बेनिफिट के 2000 करोड़ रुपये का भुगतान वित्त विभाग ने रोक रखा है। अफसरो के सही से काम न करने के कारणकई कर्मचारी RGHS के लिए हर महीने वेतन से कटौती करवा रहे हैं, लेकिन उन्हें इलाज नहीं मिल रहा है। उन्हें निजी अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
पिछले 6 महीनों से रूका हुआ है जीपीएफ भुगतान
कर्मचारी आने वाले समय की चिंता में अपना पेट काटकर कई साल तक जीपीएफ (GPF) जमा करते है ताकि आने वाले समय में जैसे बच्चों की शादी, घर के मांगलिक कार्यक्रम, मेडिकल से जुड़े कामों में जरूरत पड़ने पर पैसे का सही इस्तेमाल कर सके लेकिन कुछ अफसरों के चलते कर्मचारियों को यह पैसा भी नहीं दिया गया है। इसके चलते बहुत से कर्मचारियों को बाजार से कर्ज (loan) लेकर काम निपटाने पड़े जबकि उनका खुद का पैसा सरकार के पास जमा था। ऐसे में अब कर्मचारियों का कहना है
आने वाले समय में देखते है कि सीएम भजनलाल और मुख्य सचिव सुधांश पंत दफ्तर देरी से पहुंचने वालों के साथ पेंशनर्स और कर्मचारियों का भुगतान अटकाने वाले अफसरों की भी क्लास लेंगे या नहीं।