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Dwarka Expressway : जल्द पूरा होगा द्वारका एक्सप्रेस-वे का NCR का हिस्सा, 9 हजार करोड़ से ज्यादा की आएगी लागत
 

दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर से ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक से महिपालपुर में शिवमूर्ति के सामने तक द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है।

 

Agro Haryana, New Delhi  लेटलतीफी की वजह से किरकिरी झेल रहे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने के गुरुग्राम भाग कोद्वारका एक्सप्रेस-वे  हर हाल में 15 अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके बाद सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से निरीक्षण किया जाएगा। फिर चालू कर दिया जाएगा।

लाखों लोगों की सुविधा बढ़ जाएगी
दिल्ली भाग के पूरा होने का इंतजार नहीं किया जाएगा। चालू होने से द्वारका एक्सप्रेस-वे के आसपास रह रहे लाखों लोगों की सुविधा बढ़ जाएगी।

अगले साल मार्च तक दिल्ली भाग का निर्माण पूरा होगा। अगले महीने से गुरुग्राम-दिल्ली सीमा पर टोल प्लाजा बनाने का काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है।

एलएंडटी कंपनी के पास निर्माण की जिम्मेदारी
दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर से ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक से महिपालपुर में शिवमूर्ति के सामने तक द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है।

इसके दो भागों में बांटा गया है। गुरुग्राम भाग की जिम्मेदारी एलएंडटी नामक कंपनी के पास है, जबकि दिल्ली भाग की जिम्मेदारी जय कुमार इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के पास है।

गुरुग्राम भाग का निर्माण पिछले साल ही दिसंबर तक पूरा होना था, लेकिन नहीं हुआ। फिर कहा गया कि मई तक चालू कर दिया जाएगा। यह समय भी निकल गया। इससे एनएचएआई की भारी किरकिरी हो रही है। इसे देखते हुए एनएचएआई ने दिन-रात काम करते हुए 15 अक्टूबर तक गुरुग्राम भाग को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

9000 करोड़ से अधिक लागत की उम्मीद
परियोजना निदेशक आकाश का कहना है कि हर हाल में निर्धारित समय के दौरान प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा। दिल्ली भाग का निर्माण भी तेजी से किया जा रहा है। अगले साल मार्च तक पूरा हो जाएगा।

 बता दें कि यह देश का सबसे छोटा व पहला अर्बन एक्सप्रेस-वे होगा, लेकिन इसकी लागत नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक आने की उम्मीद है।

एलिवेटेड हिस्सा सिंगल पिलर के ऊपर बनाया जा रहा है। इस वजह से इसके निर्माण में दो लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल किया जाएगा। यह एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुना अधिक है। इसी तरह 20 लाख सीयूएम कंक्रीट का इस्तेमाल होगा बुर्ज खलीफा की तुलना में छह गुना अधिक है।

पूरा प्रोजेक्ट एक नजर में
गुरुग्राम इलाके में 18.9 किलोमीटर जबकि 10.1 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में पड़ेगा।
23 किलोमीटर भाग एलिवेटेड और लगभग चार किलोमीटर भूमिगत (टनल) होगा।
गुरुग्राम एवं दिल्ली इलाके में प्रोजेक्ट को दो-दो भाग में बांटकर काम किया जा रहा है।
गुरुग्राम के दोनों भागों के निर्माण की जिम्मेदारी एलएंडटी नामक कंपनी के पास है।
दिल्ली इलाके के दोनों भागों की जिम्मेदारी जय कुमार इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड नामक कंपनी के पास है।
दिल्ली में पहला भाग गुरुग्राम-दिल्ली सीमा से बिजवासन तक लगभग 4.20 किलोमीटर का है।
दिल्ली में दूसरा भाग बिजवासन से महिपालपुर में शिवमूर्ति तक 5.90 किलोमीटर का है।
गुरुग्राम में पहला भाग खेड़कीदौला के नजदीक से बसई-धनकोट के नजदीक तक लगभग 8.76 किलोमीटर का है।
गुरुग्राम में दूसरा भाग बसई-धनकोट के नजदीक से गुरुग्राम-दिल्ली सीमा तक लगभग 10.2 किलोमीटर का है।
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दिल्ली में शिवमूर्ति के सामने से दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-तीन तक छह लेन की सुरंग बनाई जा रही है।
महिपालपुर में ही शिवमूर्ति के नजदीक दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे को द्वारका एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा।
खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक द्वारका एक्सप्रेस-वे को एसपीआर व दिल्ली-गुरुग्राम एक्सपेस-वे से जोड़ा जाएगा।
द्वारका एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे और एसपीआर को जोड़ने के लिए फुल क्लोवरलीफ फ्लाईओवर बनाया गया है।