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Basic Salary Hike: 8th पे कमीशन से कर्मचारियों की बैसिक सैलरी में आएगा उछाल, एक समाना फिटमेंट फैक्टर होगा लागू

Salary Hike 2025: आठवें वेतन आयोग के लागू होने की घोषणा के बाद कर्मचारियों के मन में इस समय सबसे अहम सवाल यह है कि 8वें वेतन आयोग के तहत उनकी सैलरी में कितना इजाफा होगा।  नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने  कहा है कि सभी वेतन बैंड के लिए समान फिटमेंट फैक्टर लागू किया जाना चाहिए।
 

Agro Haryana News: (Salary Hike 2025 Calculator) पीएम मोदी की ओर से आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर मंजूरी दे दी गई है। जिसके बाद सरकारी कर्मचारियों के मन में सबसे अहम सवाल यह है कि 8वें वेतन आयोग के तहत उनकी सैलरी में कितना इजाफा होगा। जिसको लेकर  विशेषज्ञ अपने-अपने  अलग अलग अनुमान लगा रहे है।

जानकारी के लिए बता दें कि सैलरी में बढ़ोतरी को लेकर  वास्तविक स्थिति आयोग की सिफारिशें आने के बाद ही स्पष्ट होगी। इस बीच कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी को लेकर  नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी शिव गोपाल मिश्रा ने कहा है कि सभी वेतन बैंड के लिए समान फिटमेंट फैक्टर लागू किया जाना चाहिए।

NC-JCM की भूमिका

जानकारी के लिए बता दें कि सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांग पूरा करवाने में NC-JCM की मुख्य भूमिका हे। बता दें कि NC-JCM एक आधिकारिक निकाय है, जिसमें नौकरशाहों और कर्मचारी संघों के नेता शामिल होते हैं। इनका मुख्य काम  सरकार और कर्मचारियों के बीच वेतन और अन्य मुद्दों पर संवाद स्थापित कर समाधान निकालना है।

एक बिजनेस मीडिया संस्थान से बातचीत के दौरान  नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी शिव गोपाल मिश्रा ने कहा है चाहे वेतन बैंड 1 हो या 4, सभी के लिए फिटमेंट फैक्टर समान होना चाहिए और यही मांग वे 8वें वेतन आयोग के समक्ष जाएगी। 

 फिटमेंट फैक्टर का क्या है योगदान

कर्मचारियों की सैलरी बढ़ोतरी में फिटमेंट फैक्टर अपना मुख्य रोल निभाता है। जानकारी के लिए बता दें कि फिटमेंट फैक्टर वेतन संशोधन के लिए उपयोग किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण अनुपात होता है, जिससे वेतन में वृद्धि तय होती है।

7वें वेतन आयोग में अलग-अलग वेतन बैंड के लिए अलग-अलग फिटमेंट फैक्टर निर्धारित किया गया था। NC-JCM का मानना है कि सभी कर्मचारियों को समान लाभ देने के लिए यह अंतर समाप्त किया जाना चाहिए। NC-JCM का मानना है कि यदि IOR लागू नहीं किया गया होता, तो निचले वेतन बैंड के कर्मचारियों को अधिक लाभ मिल सकता था।