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Ayushman Card: अब घर बैठे आसानी से बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड, जानें पूरा प्रोसेस 

 

Agro Harayna, New Delhi: सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज के लिए पिछले साल 25 सितंबर को दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम आयुष्मान भारत योजना की शुरूआत हुई.

फिलहाल इस योजना का तीसरा चरण शुरू हो गया है, लेकिन अभी भी कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर इस योजना के तहत आयुष्मान कार्ड को कैसे बनाया जाता है. आपको बता दें कि आयुष्मान योजना के तहत आयुष्मान कार्ड को बनाने के लिए कहीं भी भाग-दौड़ करने की कोई जरूरत नहीं है.

आसान स्टेप को फॉलो करते हुए भी इस कार्ड को बनाया जा सकता है. इसके लिए लाभुक खुद एक ऐप का डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. इसके लिए अपने मोबाइल पर “आयुष्मान कार्ड ऐप” डाउनलोड करना होगा.

घर बैठे रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. अगर आप मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना नहीं जानते हैं, तो आपको अपने नजदीकी वसुधा केंद्र जाना होगा. वहां भी मिनटों में आपका कार्ड बन जाएगा.

ऐसे बनवाएं आयुष्मान कार्ड

सबसे पहले आप सरकार की वेबसाइट पर जाकर चेक कर लें कि आप इस योजना के शामिल होने के पात्र हैं की नहीं. अगर उस लिस्ट में आपका नाम है तो आप आयुष्मान कार्ड ऐप के जरिए कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

1.सबसे पहले इस ऐप को डाउनलोड कर लीजिए.

2.ओटीपी, आइरिस, फिंगरप्रिंट या फेस-आधारित वेरीफिकेशन की मदद से रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को पूरा करें.

3.अपने राज्य, जिला, आधार नंबर डालते ही यह पता चल जाएगा कि आप इस योजना का लाभ लेने लायक हैं या नहीं.

4. अगर आप लाभुक होंगे तो आगे का फॉर्म भरने के लिए ऑप्शन खुल जाएगा.

मोबाइल चलाने नहीं आता है तो क्या करें

अगर आपको मोबाइल चलाना नहीं आता है तो आप सीधे अपना आधार कार्ड या राशन कार्ड लेकर नजदीकी वसुधा केंद्र चले जाएं. सारी प्रक्रिया वहां बैठे वसुधा केन्द्र संचालक की तरफ से पूरी कर दी जाएगी.

कार्ड बनाने के लिए आपके पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, निवास प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, पैन कार्ड आदि दस्तावेजों का होना जरूरी है.

पटना स्थित न्यू गार्डिनर रोड सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत राज्य या राज्य के बाहर सूचीबद्ध सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों के निबंधन, सर्जरी, भर्ती खर्च, कृत्रिम उपकरण, परामर्श शुल्क, जांच और दवाइयों का खर्च केन्द्र सरकार उठाती है.

इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी के बाद 15 दिनों तक जांच या परामर्श और दवाइयां भी निःशुल्क मिलेगी. पूरे इलाज के दौरान मरीज को एक रुपया भी किसी को देने की जरूरत नहीं है.