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RBI: जानबूझकर लोन न चुकाने वालों पर होगी कार्रवाई, गर्वनर ने सख्ती से लागू किए ये नियम

RBI Update: भारतीय रिजर्व बैंक यानि आरबीआई अब जानबूझकर लोन न चुकाने वालों पर कार्रवाई करने के मुड में दिखाई दे रहा है। जिसको लेकर आरबीआई गर्वनर द्वारा बैंकों को सख्त निर्देश जारी कर दिए गए है। जानकारी के तौर पर बता दें कि बैंकों द्वारा आरबीआई से इसके लिए अतिरिक्त समय मांगा गया था जिसे आरबीआई (RBI Update) द्वारा नकार दिया गया। आरबीआई का कहना है कि ऐसे उधारकर्ताओं को ज्यादा समय नहीं दिया जा सकता है। आइए नीचे खबर में जानते है जानबूझकर लोन न चुकाने वालों के लिए क्या नए (RBI New Rule 2025) नियम हुए है लागू
 
Agro Haryana: डिजिटल डेस्क, दिल्ली,  अगर आपने भी किसी बैंक से लोन (Loan) लिया है और उसे जानबूझकर नहीं चुका रहे है तो यह खबर आपके लिए है। जानबूझकर लोन न चुकाने वालों पर अब आरबीआई (RBI) कार्रवाई करने का प्लान कर रहा है। जिसको लेकर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सभी बैंकों को निर्देश दिए गए है कि जानबूझकर लोन न चुकाने वालों को डिफॉल्टर घोषित करने में बिल्कुल भी देरी ना करें। बता दें कि बैंकों की ओर से ऐसे लोगों के लिए याचिका दायर करके अतिरिक्त समय की मांग की गई थी लेकिन आरबीआई द्वारा उसे खारिज कर दिया गया है। आरबीआई का कहना कहै कि ऐसे उधारकर्ताओं को ज्यादा समय नहीं दिया जा सकता है।

जानबूझकर लोन न चुकाने वालों को जल्द किया जाए डिफॉल्टर घोषित - आरबीआई

भारतीय रिजर्व बैंक यानि आरबीआई के मुताबिक जो लोग जानबूझकर लोन (Bank Loan) नहीं चुका रहे है उन्हें जल्द से जल्द डिफॉल्टर घोषित किया जाए ताकि ऐसे लोगों से समय रहते रिकवरी (Bank Recovery) हो सके। जानकारी के लिए बता दें कि बैंक द्वारा डिफॉल्टर श्रेणी में ऐसे कस्टमर को रखा जाता है जो अच्छी नौकरी (Job) या कारोबार होने के बाद भी बैंक से लिए लोन को जानबूझकर नहीं चुकाते है। 


कब किया जाता है  डिफॉल्टर, जानिए पूरा प्रोसेस

जब कोई कस्टमर बैंक से लोन लेकर तरप महीने यानि 90 दिन तक समय पर ईएमआई (EMI) का भुगतान नहीं करता है तो उसका उसका अकाउंट एनपीए (NPA account) में बदल दिया जाता है। जिसके बाद बैंक की ओर से अपनी रिकवरी प्रकिया (recovery process) शुरू की जाती है। जिसमें बैंक द्वारा लोन लेने वाले कस्टमर को अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है। वहीं बैंक पहले यह चैक करता है कि क्या कस्टमर लोन भरने में सक्षम है या नही मतलब जब बैंक को लगता है कि कस्टमर के पास अच्छा कारोबार या नौकरी होने के बाद भी कस्टमर जानबूझकर लोन नहीं चुका रहा है तो ऐसे कस्टमर को बैंक द्वारा डिफॉल्टर घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाती है। इस दौरान भी लोन लेने वाले शख्स को अपना मामला पेश करने के लिए व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर दिया जाता है।

जानबूझकर लोन न चुकाने वालों के गारंटर को भुगतनी होगी ये सजा

जानकारी के अनुसार  अगर बैंक से लोन लेने के बाद कोई कस्टमर जानबूझकर लोन की रकम नहीं चुकाता है तो बैंक  उसके गारंटर से वसूली कर सकता है। वहीं बैंक डिफॉल्टर की फोटो भी अपनी शाखा में प्रकाशित कर सकता है।