GST Hike: सिगरेट और तंबाकू उत्पाद होंगे महंगे, जीएसटी टैक्स बढ़ाने की तैयारी में सरकार
सिगरेट और तंबाकू पर जीएसटी बढ़ाने की तैयारी में सरकार
इकोनॉमिक टाइम्स की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार सरकार जीएसटी दर को बढ़ाकर 40% करने पर प्लानिंग में है। यहीं नहीं सरकार द्वारा तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी बढ़ाने के साथ साथ अतिरिक्त उत्पाद शुल्क भी लगाया जा सकता है.
31 मार्च 2026 को समाप्त होगा कम्पेनसेशन सेस
सरकार की ओर से तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी बढ़ाने की प्लानिंग की जा रही है और ये ऐसे समय में की जा रही है जब कम्पेनसेशन सेस खत्म होने वाला है। जानकारी के लिए बता दें कि सरकार द्वारा उठाए जा रहे इस कदम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कम्पेनसेशन सेस के समाप्त होने के बाद भी तंबाकू उत्पादों से प्राप्त होने वाला रेवेन्यू स्थिर रहे. तंबाकू उत्पादों पर सेस 31 मार्च, 2026 को समाप्त होने वाला है.
जीएसटी बढ़ाने का फैसला कौन करेगा?
जीएसटी से जुड़ा कोई भी बड़ा फैसला लेना आसान नहीं होता, खासकर जब बात टैक्स बढ़ाने या नई नीतियों को लागू करने की हो। इसे तय करने की जिम्मेदारी जीएसटी काउंसिल की होती है, लेकिन इससे पहले एक मंत्री-स्तरीय समूह (GoM) इस पर विस्तृत चर्चा करता है।
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2026 के बाद क्या होगा?
2026 के बाद कम्पेनसेशन सेस (Compensation Cess) का भविष्य क्या होगा, इस पर विचार करने के लिए एक विशेष समिति बनाई गई है। यह समिति अपनी रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल को सौंपने से पहले विभिन्न विकल्पों पर चर्चा करेगी।
क्या सेस बढ़ाना सही रहेगा?
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सेस को एक अस्थायी समाधान माना जाता है और इसे स्थायी तौर पर जारी रखना सही नहीं समझा जाता। हालांकि, अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल ही लेगी।
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सिन गुड्स पर क्या असर पड़ेगा?
तंबाकू जैसे उत्पादों को 'सिन गुड्स' (Sin Goods) की श्रेणी में रखा गया है, जिन पर सरकार आमतौर पर अधिक टैक्स लगाती है। ऐसे में, भविष्य में इन उत्पादों पर अतिरिक्त टैक्स बढ़ाया जा सकता है।
टैक्स बढ़ाने के दूसरे विकल्प क्या हो सकते हैं?
सरकार के लिए तंबाकू उत्पादों से होने वाली टैक्स कमाई एक महत्वपूर्ण स्रोत है। सिगरेट, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों पर लगाए गए टैक्स से सरकार को 2022-23 में 72,788 करोड़ रुपये की कमाई हुई। लेकिन सवाल यह है कि अगर कम्पेनसेशन सेस खत्म किया जाता है, तो उसकी भरपाई कैसे होगी?
'हेल्थ सेस' आ सकता है?
एक विकल्प के रूप में कम्पेनसेशन सेस की जगह 'हेल्थ सेस' लगाने पर विचार किया जा रहा है। इसका मकसद तंबाकू उत्पादों की खपत को कम करना और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए फंड जुटाना है। हालांकि, कुछ राज्यों ने इसका विरोध किया है और केंद्र सरकार भी नए सेस लगाने के पक्ष में नहीं दिख रही है।
फिलहाल तंबाकू उत्पादों पर कितना टैक्स लगता है?
वर्तमान में, तंबाकू उत्पादों पर कम्पेनसेशन सेस लागू है, जिसमें सिगार और सिगरेट पर 5% टैक्स वसूला जाता है। इसके अलावा, लंबाई, फिल्टर के प्रकार और स्वाद के आधार पर प्रति हजार यूनिट पर 2,076 रुपये से लेकर 4,170 रुपये तक का अतिरिक्त शुल्क भी लिया जाता है।